मोदी सरकार ने दिखाई संवेदनहीनता की पराकाष्ठा, जब अनंतनाग में शहीद हुए जवानों का….

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Sanjay Singh

– आर्मी डॉग ने भी आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन सर्वोच्च पद पर बैठे भारत के प्रधानमंत्री को अपने जवानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं है- संजय सिंह

– प्रधानमंत्री ब्रज़ील के फुटबॉलर को चोट आने पर ट्वीट कर देते हैं, दुनिया की तमाम घटनाओं पर अपनी संवेदना जाहिर करते हैं, लेकिन अपनी सेना के शहीद जवानों के प्रति संवेदना का ट्वीट करने के लिए उनके पास 2 मिनट की फुर्सत नहीं है- संजय सिंह

– पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद होते हैं तो हमारे देश के प्रधानमंत्री उत्तराखंड में डिस्कवरी की शूटिंग में व्यस्त होते हैं- संजय सिंह

– चार अगस्त को हमारे जवानों के टेंट पर हमला होता है और हमारे जवान शहीद हो जाते हैं, अब कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए- संजय सिंह

– दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान ने हमारे शहीदों के परिवारों के लिए योजना बनाई, क्या हमारे प्रधानमंत्री को जवानों से जुड़े हुए लोगों की चिंता नहीं होती है?- संजय सिंह

– आर्थिक मदद, नौकरी, जमीन देकर, जिस तरह से भी संभव है, मोदी सरकार मदद के लिए आगे आए और हमारे शहीद जवानों का मुंह तोड़ जवाब दे- संजय सिंह

– अगर सरकार इसपर कार्रवाई नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भारत की संसद में उठाने का काम करेगी- संजय सिंह

नई दिल्ली, 14 सितंबर (The News Air) : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि बहुत अफसोस और शर्म की बात है कि अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए हमारी सेना के जवान और पुलिस अधिकारी शहीद हो गए और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जश्न मनाने और जुलूस निकालने में व्यस्त थी। आर्मी डॉग, सेना के जांबाज जानवर ने भी आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन सर्वोच्च पद पर बैठे हुए भारत के प्रधानमंत्री को अपने जवानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री किसी ब्रज़ील के फुटबॉलर को चोट आने पर ट्वीट कर देते हैं। दुनिया की तमाम घटनाओं पर अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। अफसोस की बात है कि अपनी सेना के शहीद जवानों के प्रति संवेदना का ट्वीट करने के लिए उनके पास 2 मिनट की फुर्सत नहीं है। पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद होते हैं तो हमारे देश के प्रधानमंत्री उत्तराखंड में डिस्कवरी की शूटिंग में व्यस्त होते हैं। चार अगस्त को हमारे जवानों के टेंट पर हमला होता है और हमारे जवान शहीद हो जाते हैं, अब कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान जी ने हमारे शहीदों के परिवारों के लिए योजना बनाई। क्या हमारे प्रधानमंत्री को जवानों से जुड़े हुए लोगों की चिंता नहीं होती है? आर्थिक मदद, नौकरी देकर, जमीन देकर, जिस तरह से भी संभव है, मोदी सरकार मदद के लिए आगे आए और हमारे शहीद जवानों का मुंह तोड़ जवाब दे। अगर सरकार इसपर कार्रवाई नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भारत की संसद में उठाने का काम करेगी।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अनंतनाग की घटना से पूरा देश स्तब्ध है। हमारी सेना के दो जवान और पुलिस अधिकारी आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। कर्नल मनप्रीत सिंह जी जो पंजाब की धरती से आते हैं, हरियाणा की धरती से आने वाले मेजर आशीष जो तीन बहनों के अकेले भाई थे और डीएसपी हुमायूं भट्ट, जिनके पिता जम्मू कश्मीर की पुलिस में आईजी थे, वह अपने परिवार और अपने 2 महीने के बच्चे को पीछे छोड़ गए। यहां तक कि आर्मी डॉग, सेना के जांबाज जानवर ने भी अपने हैंडलर को बचाने के लिए आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।

पूरा देश उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन करता है। राइफलमैन रवि कुमार और कर्नल मनप्रीत सिंह जी को सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। मेजर आशीष को 15 अगस्त के दिन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया था। इन लोगों की जिंदगी में इनकी बहादुरी से जुड़े हुए तमाम किस्से हैं कि कैसे और कब-कब इन लोगों ने आतंकवादियों से मुकाबला किया किया।

उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां पूरे देश को अपने इन महान सपूतों के ऊपर गर्व है, दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के ऊपर धिक्कार है कि कल जब हमारे शहीदों का जनाजा उठ रहा था, वह जश्न मना रहे थे। जब एक पिता अपने बेटे को नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा था, उस वक्त मोदी-मोदी के नारे लगाकर जी-20 का जश्न मनाया जा रहा था। यह भारत के प्रधानमंत्री के संवेदन की पराकाष्ठा है। भारत के प्रधानमंत्री किसी ब्रज़ील के फुटबॉलर को चोट आने पर ट्वीट कर देते हैं। दुनिया की तमाम घटनाओं पर अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। अफसोस की बात है कि अपनी सेना के जवानों के प्रति संवेदना का ट्वीट करने के लिए 2 मिनट की फुर्सत नहीं पाते हैं।

यह किस प्रकार की संवेदनशीलता है? कैसे आप अपने आप को भारत मां का लाल कहते हैं? कैसे राष्ट्र की सुरक्षा के साथ इतना खिलवाड़ कर सकते हैं? आपने दावा किया था कि इस देश में आतंकवादियों का खात्मा होगा। आपने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को आप समाप्त करेंगे। कभी पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हो जाते हैं। कभी चार अगस्त को हमारे जवानों के टेंट पर हमला होता है और हमारे जवान शहीद हो जाते हैं। अब कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए। आर्मी का वह बहादुर जानवर भी देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया। एक आर्मी डॉग को अपने देश की सुरक्षा की चिंता है लेकिन सर्वोच्च पद पर बैठे हुए भारत के प्रधानमंत्री को अपने जवानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं है।

संजय सिंह ने कहा कि हम सबके लिए बहुत ही शर्म की बात है कि देश के प्रधानमंत्री आखिर क्यों ऐसी घटनाओं पर जश्न मना रहे होते हैं। पुलवामा में हमारे जवान शहीद होते हैं तो हमारे देश के प्रधानमंत्री उत्तराखंड में शूटिंग में व्यस्त होते हैं। उनको घंटों बाद होश आया कि अब हमें डिस्कवरी की शूटिंग से निकलना चाहिए। कोरोना की महामारी में देश के लाखों लोग मर रहे थे। शमशान घाट में लाशें बिछी रहती थी। गंगा के घाटों पर लोगों को अंतिम संस्कार करने की जगह नसीब नहीं होती थी। ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल चुनाव में व्यस्त थे। पिछले तीन दिनों से जब आतंकवादी हमला हो रहा है, उसमें हमारे जवान और पुलिस अधिकारी शहीद हो रहे थे तो आप जश्न मना रहे हैं और जुलूस निकल रहे हैं।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अब इस देश के लोगों को सोचना होगा कि ऐसी संवेदनहीन सरकार जो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो कर ही रही है लेकिन हमारे शहीदों की शहादत को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी ने दिल्ली और पंजाब में हमारे शहीदों के परिवारों के लिए योजना बनाई। क्या हमारे देश की सरकार को, हमारे प्रधानमंत्री को जवानों के परिवारों की, उनसे जुड़े हुए लोगों की चिंता नहीं होती है? आपको इतना भी समय नहीं मिला कि इस जुलूस को दो-तीन दिनों के लिए स्थगित कर देते?

मैं मोदी सरकार से मांग करता हूं कि उन परिवारों का ध्यान रखिए और मदद के लिए आगे आइए। आर्थिक मदद, नौकरी देकर, जमीन देकर, जिस तरह से भी संभव है, उन परिवारों की आप मदद करें। जिन आतंकवादियों ने हमारे वीर सपूतों की जान ली है, उसका मुंह तोड़ जवाब दीजिए। हमें पता लगा है कि यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ समूह है। पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत के अंदर आतंकवाद का बीज बोता रहता है और मौका मिलने पर ऐसी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता है। पाकिस्तान पोषित, पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित, इस आतंकी घटना और हिंसा का भारत के प्रधानमंत्री को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

संजय सिंह ने कहा कि अगर सरकार इसपर कार्रवाई नहीं करती है तो सदन का विशेष सत्र शुरू होने वाला है, आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भारत की संसद में उठाएगी। राघव चड्ढा और मैं फिलहाल सदन से सस्पेंड हैं, अगर बहल करते हैं तो हम लोग बोलेंगे। नहीं तो हमारे बाकी के सांसद इस विषय को देश के सर्वोच्च सदन में उठाएंगे।

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