Mitra Vibushan Award to PM Modi – श्रीलंका (Sri Lanka) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ (Mitra Vibushan) से नवाजा है। यह सम्मान भारत-श्रीलंका के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके (President Anura Kumara Dissanayake) ने यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया।
यह सम्मान दोनों देशों के बीच गहराते रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों की पुष्टि करता है। श्रीलंका सरकार ने साफ किया कि यह अवॉर्ड प्रधानमंत्री मोदी को उनके योगदान और आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए दिया गया है। यह सम्मान पीएम मोदी को अब तक विदेशों से मिले 22 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों (International Awards) की फेहरिस्त में एक और प्रतिष्ठित उपलब्धि है।
इस ‘मित्र विभूषण’ मेडल की खास बात यह है कि इसमें बना धर्म चक्र (Dharma Chakra) और पुण्य कलश (Punya Kalash) दोनों देशों की बौद्ध विरासत और साझा संस्कृति को दर्शाते हैं। इसके अलावा मेडल पर बनी धान की पत्तियां (Paddy Leaves) समृद्धि की प्रतीक हैं, जबकि नवरत्न (Navratna), चंद्रमा (Moon) और सूर्य (Sun) दोनों देशों के लंबे और स्थायी संबंधों का संकेत देते हैं।
इस पुरस्कार का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि हाल के वर्षों में श्रीलंका चीन (China) के प्रभाव में आता दिख रहा था। वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान देना इस ओर इशारा करता है कि श्रीलंका अपनी पुरानी नीति की ओर लौट रहा है और भारत (India) को प्राथमिकता देने को तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया और कहा कि यह अवॉर्ड दोनों देशों के ऐतिहासिक और धार्मिक रिश्तों को मजबूत करता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भी यही दोहराया कि भारत के साथ श्रीलंका के संबंध हमेशा विशेष और भरोसेमंद रहे हैं।
सम्मान समारोह के बाद भारत-श्रीलंका के बीच कई अहम समझौते (Strategic Agreements) हुए। इनमें प्रमुख है – त्रिंकोमाली (Trincomalee) को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करना, सामपुर सोलर प्रोजेक्ट (Sampur Solar Project) का उद्घाटन, रक्षा सहयोग समझौते और बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता (Multi-sectoral Grant Support) पर सहमति।
राष्ट्रपति दिसानायके ने पीएम मोदी को यह भी आश्वासन दिया कि श्रीलंका कभी भी अपने भू-क्षेत्र का उपयोग भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ नहीं होने देगा। यह बयान भारत के लिए कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, खासकर जब चीन जैसे देश क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि भारत और श्रीलंका के रिश्तों में एक नई ऊर्जा आ चुकी है और भविष्य में ये संबंध और गहरे होंगे।