MGNREGA Rename News देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ अब एक नए नाम और नए स्वरूप में नजर आने वाली है। केंद्र सरकार ने संसद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है, जिसे अब ‘विकसित भारत जी राम जी’ (VB-Jiramji) योजना के नाम से जाना जाएगा। इस फैसले ने देश की सियासत में एक नया उबाल पैदा कर दिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब लोकसभा में यह विधेयक पेश किया, तो पूरे सदन में विपक्ष ने भारी शोर-शराबा शुरू कर दिया। सरकार का तर्क है कि महात्मा गांधी खुद राम राज्य की परिकल्पना करते थे और उनके अंतिम शब्द भी ‘हे राम’ थे, इसलिए इस नए नाम से उनका अपमान नहीं बल्कि सम्मान हो रहा है। हालांकि, विपक्षी दल इस दलील से सहमत नहीं हैं और इसे सीधे तौर पर राष्ट्रपिता के नाम को मिटाने की साजिश करार दे रहे हैं।
संसद की छत पर चढ़ा विपक्ष
विधेयक पेश होने के बाद संसद का नजारा देखने लायक था। विपक्षी सांसदों ने हाथों में महात्मा गांधी के पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध इतना उग्र था कि कुछ सांसद पुरानी संसद भवन की छत पर जा पहुंचे और वहां से सरकार विरोधी नारे लगाए। इस हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को भी स्थगित करना पड़ा। प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है।
राहुल गांधी का सरकार पर तीखा हमला
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से नफरत है। राहुल के मुताबिक, मनरेगा ग्राम स्वराज के सपने का जीवंत रूप है और सरकार इसे कमजोर कर सारी ताकत अपने हाथों में लेना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि नए नियमों से राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और गरीबों की रोजी-रोटी पर संकट आ सकता है।
प्रियंका गांधी ने उठाए योजना की सुरक्षा पर सवाल
वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे एक ‘सनक’ करार देते हुए कहा कि नाम बदलने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। उन्होंने आशंका जताई कि केवल नाम ही नहीं बदला जा रहा, बल्कि धीरे-धीरे इस योजना को ही खत्म करने की तैयारी हो रही है। प्रियंका ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार अब अपनी 90% हिस्सेदारी को कम करना चाहती है, जिससे गरीब राज्यों के लिए मजदूरों को पैसा देना नामुमकिन हो जाएगा।
आम जनता पर क्या होगा असर?
इस नए बिल में रोजगार की गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रावधान भी है, जो पहली नजर में फायदेमंद दिखता है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि बजट और नियमों पर केंद्र का कब्जा होने से फसल कटाई के महत्वपूर्ण समय में मजदूरों को काम मिलना बंद हो सकता है। एक आम ग्रामीण मजदूर के लिए सबसे बड़ी चिंता समय पर मजदूरी मिलने की है, जो फिलहाल कई राज्यों में बकाया चल रही है।
जानें पूरा मामला
मनरेगा योजना की शुरुआत 2005 में यूपीए सरकार के दौरान ‘नरेगा’ के रूप में हुई थी, जिसे 2009 में महात्मा गांधी का नाम दिया गया। अब शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश किए गए नए विधेयक के अनुसार, इसका नाम बदलकर ‘विकसित भारत जी राम जी’ योजना किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें कुछ संशोधन किए गए हैं, जबकि विपक्ष इसे इतिहास और गांधीवादी आदर्शों को मिटाने की कोशिश मान रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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मनरेगा का नया नाम ‘विकसित भारत जी राम जी’ (VB-Jiramji) योजना रखा गया है।
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे राम राज्य की परिकल्पना से जोड़कर डिफेंड किया।
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विपक्ष ने इसे महात्मा गांधी और राष्ट्रपिता के आदर्शों का अपमान बताया है।
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नए बिल में काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करने का प्रस्ताव है।






