MNREGA Name Change: केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय Cabinet की बैठक में मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने वाले Bill को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही, अब ग्रामीणों को साल में 100 दिन के बजाय 125 दिन रोजगार की गारंटी मिलेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
ग्रामीण विकास को मिलेगी नई दिशा
सरकार ने देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना को नया रूप देने का फैसला किया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार और विकास को एक नई दिशा देना है। मनरेगा, जिसके तहत अब तक पंचायत स्तर पर तालाब खुदाई, सड़क मरम्मत और बागवानी जैसे काम मिलते थे, अब नए नाम और बढ़े हुए दिनों के साथ लागू होगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में Inflation (महंगाई) और नौकरियों की कमी को देखते हुए काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 करने का निर्णय लिया गया है।
आमदनी बढ़ेगी, पलायन रुकेगा
सरकार की मंशा है कि गांवों में रहने वाले परिवारों को अतिरिक्त काम मिले, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके। काम के दिनों में 25 दिन की बढ़ोतरी से गांव में मजदूरी का चक्र मजबूत होगा और स्थानीय Economy में गति आएगी। इससे न केवल ग्रामीणों की जेब में पैसा आएगा, बल्कि शहरों की तरफ होने वाला पलायन भी कम होगा। यह अतिरिक्त रोजगार ग्रामीण परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के अवसर मजबूत होंगे।
गांधीजी की विचारधारा का सम्मान
सूत्रों का कहना है कि योजना का नया नाम ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ रखने के पीछे एक खास मकसद है। यह नाम महात्मा गांधी की ग्रामीण स्वावलंबन और ग्राम स्वराज की विचारधारा को दर्शाने के लिए चुना गया है। सरकार चाहती है कि गांधीजी के सिद्धांतों को रोजगार से सीधे जोड़ा जाए। हालांकि, योजना की मूल संरचना वही रहेगी, लेकिन बदलाव सिर्फ नाम और काम के दिनों के रूप में लागू होगा।
संसद में पेश होगा बिल
Cabinet की मंजूरी मिलने के बाद अब इस Bill को Parliament (संसद) में पेश किया जाएगा। वहां से पास होते ही कानून में ये बदलाव आधिकारिक रूप से लागू हो जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि Bill के साथ योजना के नियमों में भी जरूरी संशोधन किए जाएंगे ताकि नए नाम और बढ़े हुए कार्यदिवसों को जमीनी स्तर पर उतारा जा सके।
क्या है मनरेगा का इतिहास?
मनरेगा दुनिया के सबसे बड़े Work Guarantee Program में से एक है, जिसे 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुरू किया था। इसका मकसद ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बेहतर बनाना है। यह एक Flagship Program है, जिसके तहत हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है। साल 2022-23 तक इस योजना के तहत करीब 15.4 करोड़ Active Workers जुड़े हुए थे। इस योजना में यह भी नियम है कि लाभार्थियों में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए।
मुख्य बातें (Key Points)
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Name Change: मनरेगा का नया नाम अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ होगा।
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Extra Days: रोजगार गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।
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Objective: इसका लक्ष्य ग्रामीण आय बढ़ाना, पलायन रोकना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
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Process: Cabinet की मंजूरी मिल चुकी है, अब Parliament में Bill पास होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।






