अमृतसर (The News Air) प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चे, जिनके नाम सरकारी स्कूल के रजिस्टर में दर्ज हैं।
पंजाब के अमृतसर के एक सरकारी स्कूल का घोटाला सामने आया है। गांव के बच्चों के नाम सरकारी स्कूल के रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन वे सभी पढ़ प्राइवेट स्कूलों में रहे हैं। इसकी शिकायत अटारी हलके के विधायक जसविंदर सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने अपने स्तर पर इसकी जांच करवानी शुरू की है।
मामला हलका अटारी के अंतर्गत आते गांव रामूवालिया का है। गांव रामूवालिया के सरकारी एलिमेंट्री स्कूल की शिकायत विधायक जसविंदर सिंह के पास पहुंची थी। जिसके बाद उन्होंने AAP वलंटीयर्स की अपनी एक टीम बनाकर स्कूल में जांच के लिए भेजी। टीम ने पाया कि सरकारी स्कूल के रजिस्टर में कुल 45 बच्चों के नाम दर्ज हैं। लेकिन स्कूल में सिर्फ 15 बच्चे ही हाजिर हैं। अन्य 30 को एब्सेंट दिखाया गया है।
AAP सर्कल प्रधान रणदीप सिंह स्कूल की जांच की मांग करते हुए।
नाम सरकारी रजिस्टर पर, पढ़ रहे प्राइवेट स्कूल में
दरअसल, यह बच्चे एब्सेंट नहीं हैं। इनमें से 22 बच्चे पास के ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं। प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल पुष्पा मल्होत्रा का कहना है कि यह कई सालों से हो रहा है। वह कई बार बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने की बात कर चुके हैं, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान ही नहीं दिया गया। जबकि स्कूल स्टाफ ने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।
6 बच्चे कभी सरकारी स्कूल गए ही नहीं
सरकारी स्कूल के रजिस्टर में 6 ऐसे बच्चों के नाम भी दर्ज हैं, जो कभी वहां गए ही नहीं। प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि कई बार बच्चों को सरकारी स्कूल में आने का दबाव भी बनाया गया, लेकिन बच्चे वहां जाकर पढ़ने को तैयार नहीं हैं।
फंड की जांच की भी मांग
आम आदमी पार्टी के वलंटीयर्स का कहना है कि वह पूरी स्थिति के बारे में विधायक से बातचीत करेंगे। इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील, फ्री बुक्स, वर्दी के अलावा कई तरह की ग्रांट जारी की जाती है। लेकिन इन बच्चों की ग्रांट कहां गई, इसकी जांच की भी आवश्यकता है।