Punjab Haryana Water Dispute: भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) सरकारों के बीच चल रहा विवाद अब और गहरा गया है। इस मुद्दे में अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की भी एंट्री हो गई है, जिससे बहस और गर्मा गई है। इस पूरे मामले पर कांग्रेस (Congress) के नेता और जालंधर कैंट (Jalandhar Cantt) से विधायक परगट सिंह (Pargat Singh) ने एक बड़ा बयान देते हुए हिमाचल सरकार के स्टैंड का समर्थन किया है और इसे सही ठहराया है।
परगट सिंह ने कहा कि पंजाब और हिमाचल दोनों ही रिपेरियन राज्य (Riparian States) हैं और जल विवाद का समाधान रिपेरियन कानून के तहत किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर पंजाब के साथ अन्याय की बात करते हुए कहा कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 (State Reorganisation Act 1956) की धाराओं 78, 79 और 80 के तहत पंजाब को नुकसान उठाना पड़ा है।
पानी पर पंजाब का भी हक, सिर्फ हिमाचल का नहीं
विधायक परगट सिंह ने स्पष्ट कहा कि हिमाचल यह नहीं कह सकता कि पानी पर सिर्फ उसका अधिकार है, क्योंकि पंजाब का भी इस पर हक बनता है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि राजस्थान और हरियाणा रिपेरियन नहीं हैं और उन्हें इसका अधिकार नहीं मिलना चाहिए। मगर पंजाब को उसके हिस्से का पानी नहीं मिलना, यह साफ तौर पर अन्याय है।
हिमाचल सरकार का स्टैंड सही, पंजाब के साथ हुआ धक्का
परगट सिंह ने आगे कहा कि हिमाचल सरकार ने जो स्टैंड लिया है, वह तर्कसंगत है और उसे समर्थन मिलना चाहिए। लेकिन अफसोस की बात यह है कि पंजाब के साथ लगातार धक्का हो रहा है। जल वितरण में पंजाब का हिस्सा नकारा जा रहा है, जो राज्य की जनता के साथ अन्याय के बराबर है।
उन्होंने सुझाव दिया कि अब समय आ गया है कि इस मुद्दे को रिपेरियन कानून के आधार पर सुलझाया जाए, ताकि न्यायसंगत और स्थायी समाधान निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का हल राजनीतिक नहीं, बल्कि कानूनी और भूगोलिक आधार पर होना चाहिए।
इस विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारा हिमाचल के पक्ष में खुलकर समर्थन देना जहां एक ओर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, वहीं दूसरी ओर पंजाब के जल अधिकारों को लेकर एक नई बहस भी छेड़ दी है।






