नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (The News Air): भारतीय सिनेमा के लिए यह गर्व का क्षण है कि दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, जिन्हें सभी प्यार से ‘मिथुन दा’ कहते हैं, को भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 8 अक्टूबर 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उन्हें प्रदान किया जाएगा।
मिथुन चक्रवर्ती की यह उपलब्धि भारतीय सिनेमा में उनके असाधारण योगदान का प्रतीक है। 1976 में फिल्म मृगया से अपनी शुरुआत करने वाले मिथुन दा को उनकी पहली ही फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। 80 और 90 के दशक में, उन्होंने डिस्को डांसर जैसी हिट फिल्मों से खुद को एक ग्लोबल सुपरस्टार के रूप में स्थापित किया। इसके साथ ही, उन्होंने बंगाली सिनेमा सहित क्षेत्रीय सिनेमा में भी बेहतरीन प्रदर्शन किए, जिनके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले, जैसे कि ताहादेर कथा और स्वामी विवेकानंद।
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का नाम भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1913 में पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी। 1969 में इस पुरस्कार की शुरुआत हुई, और इसे सबसे पहले अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। राज कपूर, अमिताभ बच्चन, सत्यजीत रे, लता मंगेशकर, और आशा भोसले जैसी महान हस्तियों को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अब मिथुन दा इस प्रतिष्ठित सूची का हिस्सा बनकर भारतीय सिनेमा के दिग्गजों में शामिल हो रहे हैं।
सिनेमा के बाहर भी मिथुन चक्रवर्ती ने एक सफल उद्यमी और परोपकारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके द्वारा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में किए गए निवेश और मुनार्क समूह के माध्यम से किए गए उनके चैरिटेबल कार्यों ने कई लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में उभरते हुए कलाकारों का मार्गदर्शन किया और उन्हें टेलीविजन शो के माध्यम से मंच प्रदान किया।
मिथुन दा की यात्रा उनकी बहुमुखी प्रतिभा, समर्पण और जुनून का प्रमाण है, जो उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे चिरस्थायी और प्रिय आइकन में से एक बनाती है। यह सम्मान न केवल उनके सिनेमा के योगदान को बल्कि उनके समाज पर छोड़े गए प्रभाव को भी मान्यता देगा।