नई दिल्ली: महंगाई की मार से इस समय हर आम और खास परेशान है। सब्जी हों या दालें, ऐसे भाव बढ़ रहे कि बड़ी संख्या में लोगों की थाली से मानो ये गायब हो चुके हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की माने तो उन्हें कहीं भी महंगाई नजर नहीं आ रही।
शायद यही वजह है कि उन्होंने दो टूक कह दिया कि प्रदेश में कहीं 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा दाल है ही नहीं। जिस समय मंत्री जी ने ये दावा किया तो वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल कर दिया, आखिर वो जगह कहां है जहां 100 रुपये किलो दाल मिल रही। इस पर मंत्री सूर्य प्रताप शाही कुछ भी नहीं बोल सके, बस हंसते नजर आए। मंत्री जी! आपको कहां दिखेगी महंगाई, आखिरी बार आपने हरी सब्जी और दाल कब खरीदी है?
दाल को लेकर यूपी के कृषि मंत्री का दावा और उनकी हंसी ये दर्शाती है कि उन्हें सूबे के जमीनी हालात का कितना पता है। मंत्री क्या आपने कभी खुद मार्केट जाकर खरीदारी की। कभी आपने खुद किसी दुकान पर दाल का मोल-भाव किया होता तो जरूर इसका असली रेट पता होता। आखिर कैसे आम लोग दाल की खरीद करते हैं, इसके लिए उन्हें कितनी जेब ढीली करनी पड़ रही, उन्हें पता चल जाता।
मंत्री जी, अगर खुद खरीदारी करते या दुकान में रेट पता करते तो उन्हें लोगों का दर्द समझ में आता। फिर वो मुस्कुराते हुए जिस तरह से 100 रुपये किलो में दाल मिलने यूं तथ्यों से परे दावा नहीं करते। फिलहाल सूर्य प्रताप शाही दाल के भाव पर बयान देकर घिर गए हैं। आम लोग तो उनके दावे पर सवाल उठा ही रहे हैं विपक्षी पार्टियां भी उनके दावे पर सरकार को घेर रही है। विपक्ष ने सरकार पर बढ़ती महंगाई से परेशान जनता के दर्द से अनजान होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में जनता बीजेपी को ‘आटे-दाल’ का भाव मालूम करवा देगी।
मंत्री जी, जिस तरह से दाल के भाव का जिक्र कर हंसते नजर आए ये दर्शाता है कि सरकार को जमीनी स्थिति का कितना पता है। यूपी के अलग-अलग शहरों में दाल के भाव कहीं भी 100 से नीचे नहीं हैं। अरहर की दाल के लिए लोगों को 160 रुपये प्रति किलो से ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। मूंग, उड़द की दाल के भी भाव 100 रुपये से कहीं ज्यादा ही हैं। चने की दाल जरूर 100 रुपये किलो में मिल सकती है। बाकी किसी भी दाल के रेट 100 रुपये से कम नहीं हैं। ऐसे में यूपी के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जिस तरह का दावा कर रहे वो गरीब परिवारों के लिए क्रूर मजाक से कम नहीं है। मंत्री जी को चाहिए को वो जो दावा कर रहे हैं, ग्राउंड पर भी वो अमल पर लाएं। जिससे आम लोगों के चेहरे पर भी कुछ मुस्कान आ सके।