PGIM India MF के अनिरुद्ध नाहा (Aniruddha Naha) ने मनीकंट्रोल के साथ हुई अपनी बातचीत में कहा है कि महंगाई 7 फीसदी के आसपास चक्कर लगा रही है। ऐसे में कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर इसके प्रभाव पर नजदीकी से बाजार की नजरें टिकी हुई हैं। बाजार के कुछ पॉकेट्स में वैल्यूएशन को लेकर चिंता है लेकिन यह अधिकांशत: अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के मुताबिक ही है।
इस बात की ज्यादा संभावना है कि यूएस फेड महंगाई से निपटने को पहली वरीयता देगा। भारत के संदर्भ में कमोडिटी और एनर्जी की बढ़ती कीमतों के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी वजह से आगे कंपनियों के मुनाफे और मार्जिन पर निश्चित तौर से दबाव देखने को मिलेगा। कंपनियां अपने प्रोडक्ट के भाव बढ़ाकर इस समस्या ने निपटने की कोशिश करेंगी लेकिन महंगाई के इस स्तर को देखते हुए नहीं लगता कि कंपनियां बिना टॉप लाइन ग्रोथ पर असर पड़े इसको पूरी तरह से अंतिम उपभोक्ताओं पर पास ऑन कर पाएंगी। हालांकि कमोडिटी की महंगाई से ऐसी कंपनियों को फायदा भी हो सकता है जो कमोडिटीज के उत्पादन में है।
बाजार से जुड़ी आगे की संभावना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों के मजबूत प्रदर्शन के बाद अब हमें बाजार में हल्के रिटर्न की ही उम्मीद है। महंगाई के ऊंची दर, सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें और पिछले एक साल के हाई बेस के चलते हमें उस रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए जो हमको पिछले 2 सालों में मिला है।