G Ram G Act vs MGNREGA News – केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण रोजगार की लाइफलाइन कही जाने वाली ‘मनरेगा’ (MGNREGA) योजना को खत्म कर उसकी जगह नया ‘जी-राम-जी’ एक्ट (G-Ram-G Act) लाने के फैसले पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला बताया है। खरगे ने हुंकार भरते हुए कहा कि जिस तरह किसानों के विरोध के आगे झुककर सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे, ठीक वैसे ही इस “जनविरोधी” कानून को भी वापस लेने के लिए कांग्रेस देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।
‘मनरेगा ने बचाई थी लाखों जानें’
मल्लिकार्जुन खरगे ने मनरेगा की अहमियत बताते हुए कहा कि खुद सरकार ने संसद में स्वीकार किया था कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने और टिकाऊ संपत्ति बनाने में सफल रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कोविड महामारी (Covid-19) के दौरान जब लाखों प्रवासी मजदूर बेरोजगार होकर गांवों की ओर लौटे थे, तब मनरेगा ने ही उन्हें जिंदा रखा। अगर मनरेगा नहीं होती, तो भूख और गरीबी से लाखों लोग मर जाते। यह योजना सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की दूरदर्शी सोच का परिणाम थी, जिसने संविधान के अनुच्छेद 41 को एक कानूनी अधिकार में बदल दिया।
गरीबों, दलितों और आदिवासियों को मिला था सम्मान
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से अब तक करोड़ों परिवारों को मनरेगा के जरिए रोजगार मिला है। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और वंचित वर्गों को गांव में ही रोजगार देकर सशक्त बनाया और पलायन को रोका। इससे न केवल गांवों का बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली। गरीब किसान अपनी छोटी खेती के साथ-साथ मनरेगा में काम करके अपनी आजीविका चला पाते थे, लेकिन नए कानून ने उनसे यह हक छीन लिया है।
विश्लेषण: ‘गारंटी’ बनाम ‘योजना’ की लड़ाई (Expert Analysis)
मनरेगा और नए प्रस्तावित ‘जी-राम-जी’ एक्ट (Gramin Rozgar Aur Vikas Guarantee Act – संभावित नाम) के बीच मुख्य अंतर ‘अधिकार’ का है। मनरेगा कानूनी तौर पर 100 दिन के रोजगार की ‘गारंटी’ देता है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि नया कानून इस गारंटी को कमजोर करता है और इसे सरकार की मर्जी पर निर्भर एक सामान्य ‘योजना’ बना देता है। कांग्रेस इसे ग्रामीण भारत की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा मान रही है। अगर यह आंदोलन तूल पकड़ता है, तो आगामी चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि ग्रामीण वोटर किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक होते हैं।
जानें पूरा मामला (Background)
हाल ही में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को रिप्लेस करते हुए एक नया कानून लाने का प्रस्ताव रखा है। सरकार का तर्क है कि पुराने कानून में सुधार की जरूरत थी, लेकिन विपक्ष इसे गरीबों के रोजगार के अधिकार को खत्म करने की साजिश बता रहा है। इसी के विरोध में कांग्रेस ने अब सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Congress अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मनरेगा को खत्म करने के फैसले का कड़ा विरोध किया।
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उन्होंने G-Ram-G Act के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाने का ऐलान किया।
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खरगे ने कहा- Covid-19 के दौरान मनरेगा ने लाखों प्रवासी मजदूरों की जान बचाई।
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मनरेगा ने Dalits, आदिवासियों और महिलाओं को गांव में ही रोजगार देकर पलायन रोका।
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कांग्रेस का दावा- सरकार को Farm Laws की तरह यह कानून भी वापस लेना पड़ेगा।






