Mexico Gen-Z Protest Unrest Claudia Sheinbaum : पहले बांग्लादेश, फिर नेपाल और अब अमेरिका के पड़ोसी देश मेक्सिको में ‘जेन-जी’ (Gen-Z) ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। हजारों की तादाद में युवा मेक्सिको सिटी की सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे सरकार के हाथ-पैर फूल गए हैं।
हाथों में तख्तियां, चेहरे पर नाराजगी और आवाज में बदलाव की मांग लिए हजारों लोगों का हुजूम अचानक राजधानी की सड़कों पर जमा हो गया। इस प्रदर्शन की कमान जेन-जी यानी 1990 के दशक के अंत से लेकर 2010 के बीच पैदा हुए युवाओं के हाथ में है।
‘भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ गुस्सा’
यह भयंकर प्रदर्शन बढ़ते अपराध, बेलगाम भ्रष्टाचार और सरकार में जवाबदेही की कमी के खिलाफ हो रहा है। खास बात यह है कि इस विरोध प्रदर्शन में युवाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में बुजुर्ग और विपक्ष से जुड़े समर्थक भी शामिल हो गए हैं।
राजधानी की सड़कों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर बवाल हुआ।
‘पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी’
हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। कई ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें गुस्साई भीड़ पुलिसकर्मियों को पकड़कर पीट रही है।
‘क्यों भड़का है आंदोलन?’
यह प्रदर्शन मुख्य रूप से राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाऊम सरकार की सुरक्षा नीतियों और ड्रग कार्टेल के खिलाफ अपनाए जा रहे नरम रुख के खिलाफ किया जा रहा है।
आंदोलन ने तब और जोर पकड़ लिया जब मिशोआकान राज्य में ड्रग तस्करों के खिलाफ अभियान चला रहे मेयर कार्लोस मंजो की हत्या कर दी गई।
‘मेयर की हत्या से बढ़ी नाराजगी’
मेयर की हत्या के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया। हाल के दिनों में देश में हुई कई अन्य हाई-प्रोफाइल हत्याओं ने भी इस आग में घी डालने का काम किया है।
अक्टूबर 2026 तक राष्ट्रपति शीनबाम की लोकप्रियता करीब 70% थी, लेकिन इन घटनाओं के बाद उनकी लोकप्रियता लगातार गिर रही है। 1 नवंबर को एक और मेयर की हत्या ने गुस्से को और बढ़ा दिया।
‘नेपाल और बांग्लादेश की राह पर मेक्सिको?’
इस साल दुनिया के कई देशों में जेन-जी के प्रदर्शन चर्चा में रहे हैं। सितंबर में नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हुए ऐसे ही एक बड़े प्रदर्शन के बाद हिंसा इतनी बढ़ गई थी कि वहां के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था।
नेपाल और बांग्लादेश में उठी बगावत की आग ने तख्तापलट तक करवा दिया था। अब सवाल यह है कि क्या मेक्सिको का भी वही हश्र होगा।
‘क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?’
मेक्सिको के युवा भी कह रहे हैं कि सिस्टम में घुस चुका भ्रष्टाचार और हिंसक अपराधों पर कार्रवाई न होना, अब उनकी सहनशक्ति से बाहर हो गया है।
प्रदर्शन में शामिल 29 साल के बिजनेस कंसलटेंट एंड्रेस मासा ने कहा कि उन्हें अपने देश में सुरक्षा चाहिए। वह उस ‘पायरेट स्कल’ वाले झंडे के साथ दिखे, जो अब जेन-जी आंदोलनों की पहचान बन चुका है।
वहीं, 43 साल की चिकित्सक क्लाउडिया क्रूज ने बताया कि वह सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बेहतर फंडिंग और सुरक्षा की मांग कर रही हैं, क्योंकि डॉक्टर भी असुरक्षा के माहौल से डरते हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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मेक्सिको में राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाऊम के खिलाफ Gen-Z का बड़ा विरोध प्रदर्शन।
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युवा बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और ड्रग कार्टेल पर नरमी के खिलाफ सड़कों पर हैं।
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मेयर कार्लोस मंजो की हत्या के बाद आंदोलन ने तेजी पकड़ी, पुलिस से हिंसक झड़पें।
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नेपाल और बांग्लादेश के बाद मेक्सिको में Gen-Z का यह बड़ा आंदोलन देखा जा रहा है।






