Mehul Choksi Arrest : भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। बेल्जियम (Belgium) में इलाज के बहाने पहुंचे चोकसी को वहां की पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से प्रत्यर्पण (Extradition) की अपील के बाद यह कार्रवाई की गई है। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank – PNB) में करीब 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है। इस केस में उसका भांजा नीरव मोदी (Nirav Modi) भी मुख्य आरोपी है, जो पहले से लंदन (London) की जेल में बंद है।
मेहुल चोकसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बेल्जियम गया था, लेकिन खुफिया सूत्रों के अनुसार, वह वहां से स्विट्जरलैंड (Switzerland) भागने की कोशिश कर रहा था। प्लान के अनुसार, वह हिर्सलैंडन क्लिनिक आराऊ (Hirslanden Clinic Aarau) में कैंसर का इलाज कराने के बहाने स्विट्जरलैंड जाना चाहता था। हालांकि भारतीय एजेंसियों ने उसके इस प्रयास को समय रहते नाकाम कर दिया।
गिरफ्तारी के बाद अब कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, चोकसी मेडिकल आधार पर जमानत मांग सकता है। उसके वकील विजय अग्रवाल (Vijay Aggarwal) ने पुष्टि की कि उनके मुवक्किल को शनिवार को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि चोकसी जेल में है और प्रक्रिया के तहत फिलहाल जमानत नहीं मांग सकता, लेकिन एक अपील दाखिल की जाएगी। इस अपील में निवेदन होगा कि चोकसी को हिरासत में न रखा जाए और उसे खुद का बचाव करने का अवसर मिले। वकील का दावा है कि चोकसी बहुत बीमार है और कैंसर से पीड़ित होने के कारण भागने का जोखिम नहीं है।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। खबर है कि भारत सरकार की एजेंसियों ने पहले ही मुंबई (Mumbai) की विशेष अदालत से 2018 और 2021 में दो ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट हासिल किए थे, जिन्हें बेल्जियम अधिकारियों को भेजा गया है। ऐसे वारंट की कोई समयसीमा नहीं होती और यह तब तक प्रभावी रहता है जब तक आरोपी को गिरफ्तार न कर लिया जाए या कोर्ट इसे रद्द न कर दे।
इस मामले की जड़ें साल 2018 में हैं, जब मुंबई की पीएनबी ब्रैडी हाउस शाखा (PNB Brady House Branch) में बड़ी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई थी। मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (Letter of Undertaking) तैयार कर बैंक से ऋण लिया और प्रक्रिया के नियमों को दरकिनार किया।
इस केस में सीबीआई (CBI) ने चोकसी के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तीन शिकायतें दर्ज की हैं। नीरव मोदी को 2019 में लंदन में पकड़ा गया था और वह आज भी भारत प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है।
भारत सरकार अब इस हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधी को जल्द भारत लाने की दिशा में सक्रिय हो गई है। इस गिरफ्तारी से चोकसी के भागने के प्रयासों पर रोक लगी है, लेकिन अब यह देखना होगा कि मेडिकल ग्राउंड पर दी गई दलीलें अदालत में कितनी टिकती हैं।