पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश में विपक्षी नेताओं को ‘‘भाजपा द्वारा किए जा रहे अत्याचारों” के प्रति मूक दर्शक न बने रहने की अपील भी की।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रचंड बहुमत का इस्तेमाल संविधान को ‘‘ढहाने” के लिए कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘फलस्तीन फिर भी बेहतर है। कम से कम लोग बात करते हैं। जिस तरीके से लोगों के मकानों को ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे तो कश्मीर की स्थिति अफगानिस्तान से भी बदतर हो रही है। लोगों के छोटे-छोटे मकानों को ढहाने का उद्देश्य क्या है।” महबूबा ने कहा कि सरकार के अनुसार सदियों पुराना शंकराचार्य मंदिर और तत्कालीन महाराजा द्वारा निर्मित छावनी भी अतिक्रमण की गयी जमीन पर बनायी गयी है।
पीडीपी नेता ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा यह दावा कर सकते हैं कि अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान गरीबों के मकानों को छूआ नहीं जाएगा, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका संदेश सुना नहीं जा रहा है, क्योंकि टिन की छत वाले मकान भी ढहाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘एक संविधान, एक विधान, एक प्रधान’ के शुरुआती आह्वान ने ‘‘एक देश, एक भाषा, एक धर्म” की राह दिखायी, जिसमें कोई संविधान नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान के बारे में बात करने वाले व्यक्ति की आवाज दबायी जा रही है। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या अनुच्छेद 370 को हटाया जाना संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप था?”