चंडीगढ़, 9 दिसंबर (राज कुमार) संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज संसद में चुनाव सुधारों पर हुई बहस के दौरान भाजपा द्वारा देश की सम्मानित चुनाव प्रणाली के लिए पैदा किए गए गंभीर ख़तरे को उजागर करते हुए सत्ताधारी पार्टी का “असली चेहरा” सामने रखा।
भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए मीत हेयर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की चुनावों में दख़लअंदाज़ी और वोट चोरी से जुड़ी गतिविधियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मिंदा किया है।
तथ्यों के साथ अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा आज अन्य पार्टियों को मिले जनादेश को चुराकर पूरी चुनाव प्रणाली को संदेह के घेरे में खड़ा कर रही है। कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी सत्ता की लालसा पूरी करने के लिए ईडी, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का खुला दुरुपयोग कर रही है। लेकिन जैसे ही कोई नेता भाजपा में शामिल हो जाता है, उसके सभी मामलों को बंद कर दिया जाता है और डराने-धमकाने का पूरा खेल अचानक समाप्त हो जाता है।
दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 2020 में कुल मतदाताओं की संख्या 1,46,92,136 (1.46 करोड़) थी, जबकि 2024 की लोकसभा चुनावों तक यह संख्या बढ़कर 1,47,81,119 (1.47 करोड़) हो गई। केवल 6 महीनों में 8 लाख वोट बढ़ गए। वहीं हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में सिर्फ नई दिल्ली सीट पर ही 40,000 वोट काट दिए गए। मीत हेयर ने कहा कि बिहार में, एसआईआर की आड़ में 65 लाख वोटों को मनमाने ढंग से काट दिया गया, जबकि 150 सीटों पर जीत-हार का अंतर काटी गई वोटों की संख्या से भी कम था।
लोकतंत्र को क्षति पहुंचाने में चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण भूमिका की आलोचना करते हुए आप सांसद ने कहा कि अगर मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा “महिलाओं की निजता” का हवाला देते हुए वीडियो सबूत सार्वजनिक न करने का तर्क सही है, तो फिर संसद भवन में भी कैमरे नहीं लगाए जाने चाहिए।
अंत में, मीत हेयर ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग को लोकतंत्र में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर चलना ही होगा।






