Delhi MCD Bypoll Voting Percentage दिल्ली में नगर निगम (MCD) की 12 सीटों के लिए हुए उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गए, लेकिन मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक दलों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। रविवार को हुई वोटिंग में केवल 38% मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो साल 2022 के एमसीडी चुनावों की तुलना में 11% कम है। इस कम मतदान ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों के रणनीतिकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 6,99,000 मतदाताओं में से केवल 2,65,825 लोग ही वोट डालने के लिए अपने घरों से निकले। 2022 में इन्हीं सीटों पर 49% मतदान हुआ था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 38.51% पर ही सिमट गया।
‘कहां सबसे ज्यादा, कहां सबसे कम पड़े वोट?’
इस उपचुनाव में सबसे ज्यादा वोटिंग चांदनी महल वार्ड में दर्ज की गई, जहां 55.93% लोगों ने मतदान किया। वहीं, ग्रेटर कैलाश के मतदाता सबसे ज्यादा उदासीन नजर आए, यहां केवल 26.76% ही वोटिंग हुई।
आइए एक नजर डालते हैं कुछ प्रमुख वार्डों के मतदान प्रतिशत पर और उनकी तुलना 2022 के आंकड़ों से करते हैं:
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मुंडका: 2022 में 55.6% मतदान हुआ था, जो इस बार घटकर 44.5% रह गया।
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शालीमार बाग बी: पिछली बार 50.4% वोट पड़े थे, जबकि इस बार 37.5% ही पोलिंग हुई।
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अशोक विहार: यहां मतदान प्रतिशत 42.95% से गिरकर 33.82% पर आ गया।
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चांदनी चौक: 2022 में 44.5% वोटिंग हुई थी, लेकिन इस बार सिर्फ 35.65% लोग ही वोट डालने पहुंचे।
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चांदनी महल: यह एकमात्र ऐसा वार्ड रहा जहां वोटिंग प्रतिशत में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। 2022 के 54.15% के मुकाबले इस बार 55.93% मतदान हुआ।
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द्वारका बी: यहां भी भारी गिरावट देखी गई, 39.1% से घटकर मतदान 29.76% रह गया।
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ढिचाऊ कलां: पिछली बार के रिकॉर्ड 55.17% से गिरकर मतदान 37.2% पर सिमट गया।
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नरैना: 45.16% से घटकर 42.76% मतदान हुआ।
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संगम विहार ए: 53.75% से गिरकर 44.4% मतदान हुआ।
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दक्षिणपुरी: 53.12% से घटकर 40.23% मतदान हुआ।
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विनोद नगर: 50.15% से गिरकर 36.47% मतदान हुआ।
‘चांदनी महल: सबसे चर्चित सीट’
चांदनी महल सीट इस उपचुनाव में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही और यहां सबसे अधिक मतदान भी हुआ। इसकी वजह यहां का दिलचस्प राजनीतिक समीकरण था। 2020 में यहां से आम आदमी पार्टी के आले मोहम्मद इकबाल 17,000 वोटों से जीते थे। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इस क्षेत्र से सर्वाधिक मतों से जीत दर्ज की थी।
लेकिन इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने आले मोहम्मद इकबाल के पसंद के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। इसके बाद उनके पिता शोएब इकबाल ने आप से इस्तीफा दे दिया और आले मोहम्मद इकबाल भी पार्टी से अलग होकर अपने पिता द्वारा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आए। इससे यहां आप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस सीट पर आप और फॉरवर्ड ब्लॉक के बीच सीधा मुकाबला है।
‘नेताओं के दावे और हकीकत’
मतदान के बाद भाजपा की मुख्यमंत्री उम्मीदवार रेखा गुप्ता ने दावा किया कि जनता ने भाजपा को भरपूर समर्थन दिया है और वह दिल्ली में सही प्रतिनिधि चाहती है। वहीं, शालीमार बाग से भाजपा प्रत्याशी अनीता जैन ने अपने क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ़ बताया।
हालांकि, इन बयानों से इतर, कम वोटिंग ने सभी दलों की चिंता बढ़ा दी है। 12 में से 9 सीटों पर भाजपा और आप के बीच सीधी टक्कर है। संगम विहार में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। गौर करने वाली बात यह है कि तीन प्रमुख वार्ड—संगम विहार, चांदनी चौक और अशोक विहार—ऐसे हैं जहां पिछली बार हार-जीत का अंतर बहुत कम था। ऐसे में कम वोटिंग ने उम्मीदवारों की बेचैनी और बढ़ा दी है।
‘चुनाव आयोग की सख्ती और तकनीक का इस्तेमाल’
चुनाव आयोग ने इस उपचुनाव को बेहद गंभीरता से लिया। चुनाव आयुक्त विजय देव ने मुख्यालय से ही वेबकास्टिंग के जरिए मतदान केंद्रों की लाइव निगरानी की। पहली बार क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया और 12 मॉडल बूथ व 12 पिंक बूथ बनाए गए। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बीच कुछ मामूली नोकझोंक को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहा। सभी ईवीएम को स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया है और 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है।
कुल 53 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है और 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। कम वोटिंग, बदले राजनीतिक समीकरण और नाराज नेताओं की भूमिका ने इन नतीजों को और भी दिलचस्प बना दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली एमसीडी की 12 सीटों पर हुए उपचुनाव में सिर्फ 38% मतदान हुआ।
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2022 के एमसीडी चुनावों के मुकाबले मतदान में 11% की भारी गिरावट दर्ज की गई।
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चांदनी महल में सबसे ज्यादा (55.93%) और ग्रेटर कैलाश में सबसे कम (26.76%) वोट पड़े।
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कम मतदान ने भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों की चिंता बढ़ा दी है।
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3 दिसंबर को मतगणना होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे।






