Mayawati ने कांग्रेस के संविधान बचाओ को नाटक करार दिया

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लखनऊ, 25 जून (The News Air) संविधान के नाम पर चल रही सियासत के बीच एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। मायावती आज मंगलवार को संविधान बचाने के मुद्दे पर विपक्ष व सत्ता पक्ष दोनों पर हमलावर हुईं। मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अंदर से मिलीभगत कर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को बदलने में जुटे हुए हैं। ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार मायावती ने इतने तीखे तेवरों के साथ भाजपा-कांग्रेस और अखिलेश पर निशाना साधा है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने संविधान बचाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को आड़े हाथों लिया। सोशल साइड्स एक्स पर मायावती ने कहा कि संविधान विरोधी दलों की जब केंद्र में सरकार रही तो उन्होंने इसमें इतने संशोधन कर दिए कि अब यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का समता मूलक, धर्मनिरपेक्ष और बहुजन हिताय संविधान नहीं रह गया है। अब यह जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण का लाभ न मिले या फिर यह निष्प्रभावी रहे इसकी कोशिश की जा रही है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने लागू की तो इसका कांग्रेस और भाजपा ने विरोध भी किया था। मायावती ने सपा पर भी निशाना साधा और कहा कि खुद को अनुसूचित जाति और जनजाति का हितैषी बता रही सपा ने पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं होने दिया। उन्होंने लोगों को इस साजिश से सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा तथा अन्य पार्टियों की सरकार गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए संविधान बचाने का नाटक कर रही हैं। जातिवार गणना पर भी विपक्ष दिखावा कर रहा है।

गौरतलब हो, संविधान का मुद्दा आम चुनाव में बड़ा हथियार बना था। राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार में चतुराई से तर्क दिया था कि अगर भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें मिलीं, तो वे आरक्षण को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन करेंगे। जवाब में, भाजपा ने जवाबी हमला किया और कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर मुसलमानों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव देकर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया, जबकि धर्म-आधारित कोटा असंवैधानिक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी, जो अक्सर अपनी रैलियों में नाटकीय ढंग से संविधान की प्रति प्रदर्शित करते हैं, को चुनौती दी कि वे लिखित में वचन दें कि कांग्रेस कभी भी मुस्लिम कोटा लागू करने का प्रयास नहीं करेगी। राहुल गांधी देश के चल रहे आम चुनाव के दौरान 28 मई, 2024 को वाराणसी के बाहरी इलाके में भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भारत के संविधान की एक प्रति पकड़े हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ता गया यह गरमागरम बहस जारी रही, संविधान एक केंद्रीय मुद्दा बन गया। 1977 के चुनाव के बाद पहली बार, जो इंदिरा गांधी द्वारा उत्तर में लोकतंत्र को निलंबित करने पर एक जनमत संग्रह बन गया था, संविधान चुनाव में एक महत्वपूर्ण विषय था। नतीजे घोषित होने के बाद राहुल गांधी ने अपने विजयी भाषण में फिर से संविधान बचाओ का नारा लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भारत के लोगों ने संविधान और लोकतंत्र को बचा लिया है। देश की वंचित और गरीब आबादी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए भारत के साथ खड़ी है। गठबंधन के सभी सहयोगियों और कांग्रेस पार्टी के शेर जैसे कार्यकर्ताओं को बधाई।’

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