याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हम यहां कानून नहीं बना सकते। हमें यह नहीं मानना चाहिए कि हम संविधान के इकलौते संरक्षक हैं। संसद भी संरक्षक है।”
शीर्ष अदालत वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र एक समान करने की मांग की थी। भारत में पुरुषों को 21 वर्ष की उम्र में विवाह करने की अनुमति है, जबकि महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम आयु 18 साल है। (एजेंसी)