नई दिल्ली, 28 दिसंबर (The News Air) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज अंतिम संस्कार हुआ, और इस अवसर पर उनकी पारिवारिक जीवन को लेकर चर्चा हुई। मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर के साथ तीन बेटियाँ हैं: उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह। इन तीनों बेटियों ने कभी राजनीति में अपना हाथ नहीं आजमाया, बल्कि उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। आइए जानते हैं इन बेटियों के बारे में और उनकी उपलब्धियों के बारे में।
1. उपिंदर सिंह – इतिहास की दिग्गज प्रोफेसर: मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह एक प्रतिष्ठित इतिहासकार और अशोका यूनिवर्सिटी में फैकल्टी डीन हैं। उपिंदर ने अपनी शिक्षा सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली और मैकगिल विश्वविद्यालय, मॉन्ट्रियल से प्राप्त की है। वह भारतीय इतिहास पर गहरे शोध करती हैं, खासकर प्राचीन भारतीय इतिहास पर उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए वे जानी जाती हैं। उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और उन्हें कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसी संस्थानों से फेलोशिप मिल चुकी है। इसके अलावा, उपिंदर ने कई किताबें भी लिखी हैं और 2009 में उन्हें सोशल साइंसेज में इंफोसिस पुरस्कार भी मिल चुका है। उनकी शादी लेखक विजय तन्खा से हुई है, और वे अपने पेशेवर जीवन में भी काफी सफल हैं। उपिंदर सिंह ने संजय बारू की किताब “एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” की कड़ी आलोचना की थी, जिसे मीडिया में काफी चर्चा मिली थी।
2. अमृत सिंह – मानवाधिकार की जानी-मानी वकील: मनमोहन सिंह की दूसरी बेटी अमृत सिंह एक प्रसिद्ध मानवाधिकार वकील हैं। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में लॉ की प्रोफेसर हैं और उन्होंने पूरी दुनिया में कई मानवाधिकार मुद्दों पर काम किया है। अमृत ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री प्राप्त की और अपनी प्रोफेशनल यात्रा की शुरुआत की। अमृत सिंह ने कई महत्वपूर्ण मामलों में काम किया है और आज वे मानवाधिकारों पर अपना असर छोड़ने में अग्रणी हैं। उनका कार्यक्षेत्र केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह वैश्विक स्तर पर भी सक्रिय रही हैं।
3. दमन सिंह – पेशेवर लेखिका: मनमोहन सिंह की तीसरी बेटी दमन सिंह एक स्थापित लेखक हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता की बायोग्राफी “स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण” लिखी है। इस किताब में मनमोहन सिंह और गुरशरण कौर के व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कई अनकही बातें और घटनाएँ साझा की गई हैं, जो पाठकों को उनके चरित्र के और करीब लाती हैं। दमन सिंह की दूसरी किताब “द लास्ट फ्रंटियर” भी काफी चर्चित रही है। उन्होंने अपनी शिक्षा सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली से गणित में की थी और 1984 में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी। उनकी शादी आईपीएस अधिकारी अशोक पटनायक से हुई है। दमन सिंह ने लेखन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और अपने परिवार की कहानी को दुनिया के सामने रखा।
मनमोहन सिंह की बेटियाँ राजनीति से दूर रहकर भी अपने-अपने क्षेत्रों में नाम कमा चुकी हैं। उपिंदर सिंह, अमृत सिंह और दमन सिंह ने अपने-अपने कामों में ऐसे मुकाम हासिल किए हैं, जो उन्हें उनके पिता से अलग एक नई पहचान देते हैं। उनके कार्य और उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि राजनीति से बाहर रहते हुए भी वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही हैं।