नई दिल्ली 28 दिसंबर (The News Air): भारत के महान अर्थशास्त्री, प्रखर राजनेता और दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह को शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दिल्ली के निगम बोध घाट पर आयोजित इस समारोह में उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हुए ‘अमर रहें’ के नारे गूंजे।
राजकीय सम्मान के साथ विदाई: डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी गई। यह उनके देश के प्रति योगदान और समर्पण का प्रतीक था। उनके परिवार, करीबी दोस्तों और कई शीर्ष नेताओं ने उपस्थित होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई बड़े नेता उपस्थित थे।
जीवन के प्रेरणादायक क्षणों को किया याद : समारोह में उपस्थित नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन और कार्यों को याद किया। उनके आर्थिक सुधारों, जैसे 1991 के उदारीकरण नीतियों, और 10 वर्षों के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उनकी नीतियों की सराहना की गई।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी विद्वता और नीतिगत सोच से देश की दिशा बदल दी। उनका योगदान इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा।”
जनता और नेताओं का सम्मान : डॉ. सिंह के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। निगम बोध घाट पर उनकी अंतिम यात्रा के दौरान, उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए लोगों ने ‘अमर रहें’ और ‘भारत रत्न मनमोहन’ जैसे नारे लगाए।
परिवार ने व्यक्त किया दुःख और आभार : डॉ. सिंह के परिवार ने इस दुखद घड़ी में देशवासियों और नेताओं द्वारा प्रकट किए गए प्रेम और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
- उनकी बेटी उपिंदर सिंह ने कहा:
“पापा ने हमें हमेशा सिखाया कि सच्चाई और ईमानदारी से काम करना ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। उनकी शिक्षाएं हमें सदैव प्रेरित करेंगी।”
उनकी विरासत: एक प्रेरणा स्रोत : डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक और आर्थिक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
- 1991 का आर्थिक सुधार: उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए खोलते हुए आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की।
- प्रधानमंत्री के रूप में: उनके कार्यकाल में ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं को प्राथमिकता दी गई।
- वैश्विक पहचान: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को सशक्त करने में उनका योगदान अमूल्य था।
भविष्य के लिए एक आदर्श : डॉ. सिंह का जीवन उनके विनम्र स्वभाव, विद्वता और समर्पण का प्रतीक है। उनकी सोच और निर्णयों ने न केवल भारतीय राजनीति को दिशा दी, बल्कि आर्थिक नीतियों के माध्यम से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला।
अंतिम यात्रा का दृश्य : उनकी अंतिम यात्रा निगम बोध घाट से समाधि स्थल तक निकली। सफेद फूलों से सजे वाहन में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग भावुक हो गए।
डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने कार्यों से भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी विदाई के साथ एक युग का अंत हुआ, लेकिन उनकी शिक्षाएं और आदर्श हमेशा हमारे साथ रहेंगे।