राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ‘‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर ‘देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।
मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई।
Manipur violence: Governor's nod to "shoot at sight orders" in state
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— ANI Digital (@ani_digital) May 4, 2023