नई दिल्ली (The News Air) मणिपुर (Manipur Violence)) में बीते 3 मई से भड़की हिंसा के बाद से अब तक राज्य में शांति बहाल करने की तमाम कोशिशें सफल होती नहीं दिख रही हैं। वहीं अब राज्य में हिंसा जैसे थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके साथ ही कई इलाकों से भयंकर गोलीबारी और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं।
#WATCH | Delhi: Leaders arrive for the all-party meeting called by Amit Shah, to discuss the ongoing situation in Manipur pic.twitter.com/PwxfjeGxtj
— ANI (@ANI) June 24, 2023
इधर इन सबके बीच अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। गृहमंत्री शाह की इस बैठक में पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी की पार्टी TMC शामिल नहीं होने जा रही है।
#WATCH | Markets open in Manipur’s Imphal and people step out to shop essentials
Union Home Minister Amit Shah will hold an all-party meeting to discuss the situation in Manipur, in Delhi today pic.twitter.com/8o0hM83xiW
— ANI (@ANI) June 24, 2023
गौरतलब है कि, मणिपुर में ही भीड़ ने राज्य सरकार में मंत्री एल सुसींद्रो के इंफाल पूर्वी जिले के चिनगारेल स्थित निजी गोदाम में आग लगा दी अहि। जानकारी के अनुसार भीड़ ने उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री सुसींद्रो के इसी जिले के खुरई इलाके में स्थित आवास और अन्य संपत्तियों को भी शुक्रवार रात आग के हवाले करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों के वक्त पर पहुंचकर उन्हें रोक दिया।
वहीं पुलिस ने कहा कि, सुरक्षा बलों ने आधी रात तक आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि भीड़ को मंत्री के खुरई स्थित आवास का घेराव करने से रोका जा सके। इस घटना में किसी के भी हताहत होने की जानकारी नहीं है।
जानकारी दें कि, इससे पहले बीते 14 जून को राज्य की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम जिले के लामफेल इलाके स्थित घर को कुछ अज्ञात लोगों ने जला दिया था। वहीं इसके अगले दिन केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला किया गया था और उसे जलाने की कोशिश की गई थी।
गौरतलब है कि, मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों में हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं।
पता हो कि, इस समय मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53% है, जिसमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, जबकि नगा और कुकी जनजातियों की आबादी करीब 40% है और यह ज्यादातर पहाड़ी जिलों में ही रहती है।