अधिकारियों ने बताया कि बंदूकधारियों ने घटनास्थल से भागने से पहले महिला का चेहरा भी विकृत कर दिया था। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। भीड़ ने रविवार को एक आरोपी के घर में आग भी लगा दी थी मणिपुर में नगाओं की सर्वोच्च संस्था ‘यूएनसी’ ने हत्या को ‘बर्बर कृत्य’ करार दिया था और हत्या की न्यायिक जांच तथा सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी।
नगा बहुल क्षेत्रों में मुख्य रूप से नोनी, तामेंगलांग, सेनापति, चंदेल, उखरुल तथा कामजोंग जिले और तेंगनौपाल जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं, जहां तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया है।
इस पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद से अब तक 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई हजार घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी सहित आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।






