Mallikarjun Kharge in Rajya Sabha: संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) 1 दिसंबर को शुरू हुआ और पहले ही दिन राज्यसभा में सियासी पारा गर्मा गया। सदन में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan) का स्वागत किया जा रहा था, तभी नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कुछ ऐसा कह दिया, जिससे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य नाराज हो गए और सदन में हंगामा खड़ा हो गया। मामला इतना बढ़ा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा (J.P. Nadda) को खड़े होकर खरगे को करारा जवाब देना पड़ा।
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब खरगे, नए सभापति का स्वागत कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने पूर्व सभापति (जगदीप धनकड़) के कार्यकाल खत्म होने और उन्हें विदाई न मिल पाने का मुद्दा उठा दिया।
खरगे ने सभापति को दी नसीहत, पूर्व सभापति पर कसा तंज
खरगे ने अपने संबोधन की शुरुआत नए सभापति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए की। इसके तुरंत बाद, उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए सभापति को एक “सलाह” दे डाली। खरगे ने कहा, “मुझे आशा है कि आप दोनों तरफ (सत्ता पक्ष और विपक्ष) बराबर हिस्सेदारी देंगे और दोनों तरफ बराबर ध्यान देंगे। आप अपने आसन से उस तरफ (बीजेपी की तरफ) ज्यादा न देखें, इस पर खतरा है और अगर इधर (विपक्ष की तरफ) नहीं देखेंगे तो भी खतरा है। इसलिए आप दोनों तरफ संतुलन बनाकर रखें तो अच्छा होगा।”
इसके बाद खरगे ने जो कहा, उसने माहौल को गरमा दिया। उन्होंने पूर्व सभापति जगदीप धनकड़ के कार्यकाल की समाप्ति का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे बड़ा दुख हुआ कि पूर्व चेयरमैन को फेयरवेल का मौका नहीं मिला। पर हमें आशा है कि हमारे पूर्व के चेयरमैन का स्वास्थ्य अच्छा होगा। अनएक्सपेक्टेड एंड सडन एग्जिट फ्रॉम द ऑफिस ऑफ द चेयरमैन राज्यसभा।” (राज्यसभा के सभापति के पद से अप्रत्याशित और अचानक विदाई।)
खरगे ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए सभापति को उनकी इन बातों का बुरा नहीं लगेगा कि उन्हें पहले वाले चेयरमैन के अचानक जाने का जिक्र करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष की ओर से वे पूर्व सभापति के स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
इस दौरान खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने संसद के सामने मुख्य मुद्दों पर बात करने के बजाय फिर से “ड्रामेबाजी” की है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को अब ध्यान भटकाने का नाटक खत्म कर जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए।
बीजेपी का विरोध और नड्डा का पलटवार
खरगे के इन बयानों पर राज्यसभा में बवाल शुरू हो गया। बीजेपी सांसदों ने इसे सभापति का अपमान बताया और जमकर हंगामा किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि खरगे ने जिस बात का जिक्र किया वह सही नहीं है।
इसके बाद, जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला और खरगे को तीखा जवाब दिया। नड्डा ने कहा कि हमें सम्मान कार्यक्रम की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। अगर हम विदाई और अन्य विषयों पर चर्चा करना शुरू कर देंगे, जैसा कि विपक्ष के नेता ने उठाया है, तो यह बेमतलब और अप्रासंगिक (Irrelevant) होगा।
नड्डा ने कहा, “यह चर्चाएं जो वातावरण बना है, उस वातावरण को बनाने में वह (खरगे) जिसे कहा जाए, वह इट इज एन ऑब्सकल इन द गुड एंड कंजीनियल एनवायरमेंट डिबेट व्हिच वाज गोइंग ऑन।” (यह जारी अच्छी और सौहार्दपूर्ण बहस में एक बाधा है।)
नड्डा बोले- ‘हार का दर्द डॉक्टर को बताएं’
जेपी नड्डा ने खरगे पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर फेयरवेल के मुद्दे पर चर्चा होगी, तो फिर इस बात पर भी चर्चा होगी कि आपने (विपक्ष ने) उन्हें “चेयर लीडर” कहा था और उनके खिलाफ एक नहीं, दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाए थे।
नड्डा ने खरगे की हार पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हमारे बहुत ही सम्मानीय हैं लीडर ऑफ अपोजिशन। ठीक है, आपको बिहार की हार ने, हरियाणा की हार ने, महाराष्ट्र की हार ने काफी तकलीफ पहुंचाई है। लेकिन तकलीफ, तकलीफ, तकलीफ को डॉक्टर के सामने बोलना चाहिए। तो जब डॉक्टर के सामने वक्त आएगा तो आप बोलिएगा और जब समय आएगा तो बोलिएगा। लेकिन इस अच्छे डिबेट के बीच में मुझे लगता है कि आपके द्वारा… आप सभापति के रूप में पहली बार हाउस को कंडक्ट कर रहे हैं, आपके सम्मान में सभी लोग वक्तव्य देंगे तो अच्छा रहेगा।”
मुख्य बातें (Key Points)
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राज्यसभा में नए सभापति के स्वागत के दौरान खरगे ने पूर्व सभापति की “अचानक विदाई” का मुद्दा उठाया।
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खरगे ने नए सभापति को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को बराबर मौका देने की सलाह दी।
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खरगे ने पीएम मोदी पर सत्र के पहले दिन “ड्रामेबाजी” करने का आरोप लगाया।
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बीजेपी सांसदों ने खरगे के बयान को सभापति का अपमान बताया और हंगामा किया।
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जेपी नड्डा ने खरगे को जवाब देते हुए कहा कि हार की तकलीफ डॉक्टर को बताएं, सदन का माहौल खराब न करें।






