The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब में आधी रात को बड़ा उलटफेर हो गया। पंजाब सरकार ने अचानक इक़बाल प्रीत सहोता को कार्यकारी डीजीपी के पद से हटा दिया। उनकी जगह पर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को यह चार्ज दे दिया गया है। सहोता की नियुक्ति को लेकर पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू लगातार विरोध जता रहे थे। चट्टोपाध्याय ही सिद्धू की पसंद थे] लेकिन सीएम चरणजीत चन्नी ने अपनी पसंद के इक़बाल प्रीत सहोता को डीजीपी का चार्ज दे दिया। हालांकि अब इस नई तैनाती के बाद पंजाब में ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ड्रग केस में बढ़ी हलचल
आधी रात को अचानक डीजीपी को बदलने से पंजाब के बहुचर्चित ड्रग केस में हलचल बढ़ गई है। माना जा रहा है कि यह क़दम ड्रग केस में कार्रवाई के लिए उठाया गया है। पंजाब की कांग्रेस सरकार के निशाने पर विरोधी और ख़ासकर अकाली दल के नेता हैं। नए कार्यकारी डीजीपी बनाए गए सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय इससे पहले बादल परिवार के वित्तीय लेन-देन की भी जांच कर चुके हैं।
ADGP अस्थाना का पत्र लीक होने के बाद बढ़ा दबाव
पंजाब में नवजोत सिद्धू लगातार डीजीपी बदलने की मांग कर रहे थे] लेकिन सीएम चन्नी सहोता को लेकर अड़े हुए थे। अब अचानक ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के डायरेक्टर ADGP एसके अस्थाना का पत्र लीक होने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया था। सरकार में भी इस बात को लेकर चर्चा होने लगी कि अस्थाना के डीजीपी को लिखे पत्र का सेलेक्टिव हिस्सा लीक होना सीधे तौर पर सरकार को कमज़ोर कर बादलों को सियासी फ़ायदा पहुंचाना है] जिसके बाद अचानक आधी रात को यह फ़ैसला ले लिया गया।
UPSC से अभी पैनल आना बाक़ी
सरकार ने यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया है, जबकि अभी तक नए परमानेंट DGP के लिए UPSC ने पैनल नहीं भेजा है। UPSC ने पैनल के लिए 21 दिसंबर को मीटिंग बुलाई है, जिसमें पंजाब से चीफ़ सेक्रेटरी समेत 3 अफ़सर शामिल होने जा रहे हैं। इससे 4 दिन पहले ही सरकार का यह फ़ैसला ड्रग केस में बड़ी कार्रवाई की कोशिश के संकेत दे रहा है।