The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब की सियासत में नया धमाका हो गया है। चन्नी सरकार ने आधी रात को अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ कर लिया है। यह केस मोहाली में ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (BOI) ने स्टेट क्राइम पुलिस थाने में केस दर्ज़ कराया है। मजीठिया के ख़िलाफ़ ड्रग्स केस को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे थे। यह केस NDPS एक्ट की धारा 25/27A/29 के तहत केस दर्ज़ हुआ है।
पंजाब सरकार की चुप्पी को देखकर लगता है कि मजीठिया की गिरफ़्तारी किसी भी वक़्त हो सकती है। हालांकि, पुलिस ने अब तक इम मामले में कुछ भी नहीं कहा है। यहां तक कि मजीठिया के ख़िलाफ़ दर्ज़ FIR भी सार्वजनिक नहीं की गई है।
सिद्धू मजीठिया पर कार्रवाई का दावा कर रहे थे
पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू दावा कर रहे थे कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की रिपोर्ट में मजीठिया का नाम है। यह रिपोर्ट ADGP हरप्रीत सिद्धू की अगुवाई में तैयार हुई थी। सिद्धू लगातार उन पर कार्रवाई की बात कह रहे थे। इसी वजह से 4 दिन पहले इक़बाल प्रीत सहोता को हटाकर पंजाब सरकार ने सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी DGP बनाया था।
हाईकोर्ट ने कहा था- हमारी कोई रोक नहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं?
इस मामले में हाईकोर्ट में जमा सीलबंद STF रिपोर्ट को लेकर ख़ासी सियासत होती रही है। ख़ासकर, कांग्रेस के भीतर इसको लेकर सिद्धू और चन्नी सरकार की ज़ंग चल रही थी। इसके बाद सिद्धू के दबाव में पहले एडवोकेट जनरल को बदला गया। एपीएस देयोल को हटाकर एजी बने डीएस पटवालिया ने हाईकोर्ट में कहा कि एसटीएफ रिपोर्ट को खोलने पर कोई रोक नहीं है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई कि फिर उन्होंने अभी तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की। इसलिए अब सरकार पूरी तरह हरकत में आ रही है।
अफ़सर छुट्टी पर गए तो हुआ विवाद
पंजाब में कुछ दिन पहले ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के अफ़सरों के लगातार छुट्टी पर जाने को लेकर सवाल उठते रहे। हाल ही में यह मामला तब सुर्ख़ियों में आया, जब ADGP एसके अस्थाना अचानक मेडिकल लीव पर चले गए। इसको लेकर बवाल हुआ तो वह अस्पताल में एडमिट हो गए। जिसके बाद उनके डीजीपी को लिखे पत्र के कुछ अंश भी लीक हुए। जिसमें उन्होंने कहा था कि मजीठिया पर इस तरह कार्रवाई नहीं की जा सकती।
वल्टोहा ने कहा- 3 ADGP ने इनकार किया
अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि मजीठिया को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। चन्नी सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए यह नया विवाद खड़ा किया जा रहा है। ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के 3 एडीजीपी ने इससे मना कर दिया था। इसके बाद चन्नी सरकार ने डीजीपी बदला और अब यह कार्रवाई की गई है।