चंडीगढ़, 4 दिसंबर (राज कुमार) आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के मुख्य प्रवक्ता और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिरोमणि अकाली दल (बादल), सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया पर तीखा हमला बोला है।
धालीवाल ने मजीठिया की जमानत याचिका खारिज होने को अकाली दल के लिए एक बड़ा झटका करार दिया है। उन्होंने कहा कि आज तड़के ही सुखबीर बादल के नेतृत्व वाली ‘थोड़ी सी बची हुई’ अकाली दल को यह खबर सुनकर जोर का झटका लगा होगा। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है। धालीवाल ने जोर देकर कहा कि कोर्ट ने न केवल याचिका रद्द की है, बल्कि यह भी टिप्पणी की है कि पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूत बेहद गंभीर हैं।
कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि अकाली दल के नेता और मजीठिया के समर्थक लगातार यह शोर मचा रहे थे कि भगवंत मान सरकार राजनीतिक बदलाखोरी और धक्केशाही कर रही है। आज माननीय हाईकोर्ट ने सरकार की कार्रवाई पर अपनी मुहर लगा दी है कि मजीठिया पर लगाए गए आरोप बिल्कुल सही हैं। कोर्ट में 540 करोड़ रुपये के लेनदेन के सबूत पेश किए गए थे। 15 दिन तक चली लंबी बहस के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। धालीवाल ने कहा कि अकालियों के पास बचने के लिए हमेशा एक ही बहाना होता है कि यह ‘सियासी बदलाखोरी’ है, लेकिन आज सच सबके सामने आ गया है।
‘आप’ विधायक ने मामले के पुराने पन्नों को पलटते हुए कहा कि मैं इस केस की पृष्ठभूमि में जाना चाहता हूं। साल 2012-13 में जब प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे, तब ड्रग तस्कर भोला ने मोहाली कोर्ट में बयान दिया था कि ड्रग के इस काले कारोबार में मजीठिया भी शामिल हैं।
धालीवाल ने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर उस समय मजीठिया को पकड़कर जेल में डाल दिया जाता, तो आज पंजाब के हजारों नौजवानों की जान बच जाती। उन्होंने कहा कि उस समय से लेकर बाद में आई कांग्रेस की ‘चाचा-भतीजा’ की सरकार तक यह धंधा बेधड़क चलता रहा। इन सरकारों ने पंजाब की जवानी को मौत के मुंह में धकेला और उनकी लाशों पर पैसे कमाकर 540 करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह पैसा इनके पास कहां से आया? यह पैसा नशे और ड्रग्स का था।
धालीवाल ने कहा कि जो लोग श्री गुटका साहिब की झूठी कसम खाकर नशे की कमर तोड़ने की बात करते थे, उनसे न तो कमर टूटी और न ही पैर, वे बाद में खुद चाचा-भतीजा बन गए। अगर मजीठिया पर हाथ डालने की हिम्मत किसी ने दिखाई है, तो वह केवल भगवंत मान की सरकार है। उन्होंने कहा कि मजीठिया ने जैसा बीज बोया था, आज वे वैसी ही फसल काट रहे हैं। इस केस में जब सजा होगी, तो उन हजारों माताओं को सुकून मिलेगा जिनके बेटे नशे की भेंट चढ़ गए।
धालीवाल ने कहा कि नशे के डर से ही मां-बाप अपने बच्चों को विदेशों में भेजने को मजबूर हुए, जिससे पंजाब खाली हो गया और प्रवास बढ़ा। आज देश की न्याय प्रणाली ने लोगों में एक नई आस जगाई है। मजीठिया जैसे रसूखदार, जो कहते थे कि हमें कौन हाथ लगा सकता है, आज कानून के शिकंजे में हैं। यह फैसला बची-कुची अकाली दल के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।






