Satyapal Malik Last Statement : पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का हाल ही में निधन हो गया। जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir), बिहार (Bihar) समेत पांच राज्यों के गवर्नर रहे मलिक अपने बेबाक बयानों और निडर छवि के लिए पहचाने जाते थे। अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद वे एक्स (X formerly Twitter) के माध्यम से लगातार अपनी बात रखते रहे। उन्होंने अपनी मौत से महज दो महीने पहले, 7 जून को एक ट्वीट किया था, जो अब वायरल हो रहा है और देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सत्यपाल मलिक ने ट्वीट में लिखा था, “मैं रहूं या ना रहूं, देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि वे लंबे समय से किडनी (Kidney) की बीमारी से पीड़ित हैं और करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। अपने राजनीतिक गुरु चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) को आदर्श मानते हुए उन्होंने लिखा कि गवर्नर रहते हुए उन्हें 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने ईमानदारी से काम किया और कभी समझौता नहीं किया।
ट्वीट में उन्होंने किसानों के आंदोलन और महिला पहलवानों (Women Wrestlers) के संघर्षों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जब वे गवर्नर थे, तब बिना किसी राजनीतिक दबाव या स्वार्थ के, उन्होंने किसानों की मांगों को सरकार तक पहुँचाया और महिला पहलवानों के साथ जंतर-मंतर (Jantar Mantar) से इंडिया गेट (India Gate) तक खड़े रहे।
सत्यपाल मलिक ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) का भी ज़िक्र करते हुए लिखा कि उन्होंने वीर जवानों की शहादत का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने अब तक इसकी कोई जांच नहीं करवाई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें CBI का डर दिखाकर एक फर्जी चार्जशीट (Chargesheet) में फंसाना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस टेंडर को लेकर उन पर आरोप लगाया जा रहा है, उसे उन्होंने खुद रद्द किया था और प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी।
उन्होंने अपने ट्वीट के अंत में लिखा, “मैं किसान कौम से हूं, ना डरने वाला हूं और ना झुकने वाला। सरकार और एजेंसियां चाहें जितना भी दबाव बना लें, लेकिन सच्चाई लोगों तक पहुंचनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इतने वर्षों तक देश सेवा करने के बावजूद वे आज भी एक कमरे के मकान में रहते हैं और इलाज के लिए भी सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में भर्ती हैं क्योंकि प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की आर्थिक स्थिति नहीं है।
सत्यपाल मलिक का यह बयान न सिर्फ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि उनके सच्चे और ईमानदार राजनीतिक जीवन की तस्वीर भी पेश करता है। उनकी यह आखिरी सार्वजनिक बात अब लाखों लोगों तक पहुंच रही है और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।






