मुंबई (The News Air) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरी के नाणार में प्रस्तावित रिफाइनरी परिसर के लिए वैकल्पिक स्थान के रूप में बारसू का सुझाव दिया था, लेकिन यदि वह मुख्यमंत्री रहते तो वह वहां के लोगों को विश्वास में लेने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ते। ठाकरे के कैबिनेट सहयोगी एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पिछले साल जून में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।
ठाकरे ने चेतावनी दी कि वह उनकी सरकार गिराये जाने का बदला लेंगे। मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी में राजापुर तहसील के बारसू के निवासी कई हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल परिसर की स्थापना का विरोध कर रहे हैं।
निवासियों का दावा है कि यह संयंत्र तटीय क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देगा। इन निवासियों को शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। इन दलों का कहना है कि राज्य सरकार को लोगों की सभी आशंकाओं को दूर करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) से संबद्ध भारतीय कामगार सेना की 55वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए, ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने लोगों के विरोध के कारण नाणार के वैकल्पिक स्थल के रूप में बारसू का सुझाव दिया था। मेरी सरकार गिरा दी गई थी… इस परियोजना के संबंध में स्थानीय निवासियों को समझाया जाए।”
उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार सृजन और हरित रिफाइनरी के फायदों के बारे में बताना होगा। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि ‘‘अगर यह हरित रिफाइनरी है, तो पुलिस मनमानी क्यों कर रही है?” ठाकरे ने पूछा कि इस तरह की परियोजनाएं महाराष्ट्र पर क्यों थोपी जा रही हैं? उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बारसू का दौरा करना चाहिए था और स्थानीय निवासियों को रिफाइनरी परिसर के बारे में समझाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र की सरकारें श्रमिक विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें श्रमिकों की जरूरतों और मुद्दों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है।
इस बीच, मुख्यमंत्री शिंदे ने एक ट्वीट में ठाकरे की आलोचना की। शिंदे ने कहा, “… आपमें वास्तविकता का सामना करने का साहस नहीं है। मैं बदला नहीं लेना चाहता क्योंकि यह मेरा व्यवहार नहीं है। मैं लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, “आप दुनिया को स्वार्थी रवैये और झूठ के चश्मे से नहीं देख सकते। निःस्वार्थ जनसेवा का कैमरा होना चाहिए। आपके पास यह नहीं है और कभी नहीं होगा।” (एजेंसी)