महाराष्ट्र,19 जुलाई (The News Air): महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लाडली बहना योजना को लेकर सुर्खियों में हैं। मुख्यमंत्री ने लाडली बहनों के बाद लाडला भाऊ योजना का भी ऐलान कर दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान लाडली बहन योजना के लिए पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं। इसका नतीजा यह हुआ था कि वह मध्य प्रदेश चुनावों में बाजी पलटने में भी सफल रहे थे। क्या क्या ऐसा करिश्मा एकनाथ शिंदे भी कर पाएंगे? महाराष्ट्र के राजनीति में एकनाथ शिंदे पिछले दो सालों में अपनी छवि बनाने में सफल रहे हैं। ठाणे जिले में उनका वर्चस्व स्थापित हुआ है। हलिया सर्वे में सामने आया था ठाणे की 13 विधानसभा सीटें में ज्यादा सीटें महायुति को मिलेंगी।
महाराष्ट्र बजट में घोषित लोकलुभावन योजनाओं के बल पर क्या महायुति सरकार वापसी कर लेगी? इस सवाल पर राज्य के राजनीतिक विश्लेषक दयानंद नेने कहते हैं कि लाडली बहन योजना थोड़ी देर से आई है, अगर यही योजना जनवरी में आई होती तो उससे कितना फायदा हुआ। उसका पहला टेस्ट लोकसभा चुनावों में हो जाता। नेने कहते हैं कि इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को पहले किश्त 15 अगस्त यानी रक्षाबंधन के तीन दिन पहले मिलने की संभावना है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि लाभार्थी का कितना लाभ महायुति को मिलता है? दूसरी ओर महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना के लिए अभी तक 44 लाख महिलाएं आवेदन कर चुकी है। योजना में आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है।
लोकसभा चुनावों में महायुति के वोट शेयर में 7.3 फीसद की गिरावट आई थी। महाविकास आघाड़ी (MVA) के वोट प्रतिशत में 10.05 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई थी। महायुति में बीजेपी का वोट बैंक में ज्यादा कमी नहीं आई थी। पार्टी को 1.4 करोड़ 91 लाख वोट मिले। तो वहीं शिवसेना को 73 लाख 77 हजार वोट मिले। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को 20 लाख वोट मिले। महायुति के एक अन्य घटन आरएसपी को 4.67 लाख वोट मिले। इन सभी वोटों को वोट दें जो महायुति के खाते में 2 करोड़ 48 लाख 10 हजार 852 वोट आए। महाविकास आघाडी के तीनों घटक (कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-शरद पवार) को 2 करोड़ 50 लाख 15 हजारा 819 वोट मिले।
ऐसे में देखा जाए तो भले ही महायुति ने 17 सीटें जीतीं और महाविकास आघाडी ने 30 सीटें जीतीं लेकिन वोटों में ज्यादा फासला नहीं रहा। इन आंकड़ों के बाद जिस तरह से महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाभार्थी फैक्टर का दांव खेल रही है। उससे विपक्षी गठबंधन में थोड़ी चिंता जरूरी है। अब देखना है कि एकनाथ शिंदे क्या मौजूदा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह क्या बहनों के भाई और भाऊ बन उभरते हैं या फिर नहीं। विपक्ष गठबंधन ने किसी भी बड़े नेता ने सीधे योजनाओं की आलोचना नहीं की है। बहनों को 1500 रुपये प्रति महीना देने के साथ 12 वीं पाक्ष छात्रों को 6 हजार, डिप्लोमा धारकों को 8 हजार और ग्रेजुएट को 10 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे।