नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) से मिली एक बड़ी खबर के अनुसार, अजित पवार (Ajit Pawar) के अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की पेशकश की खबरों पर अब शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आज मामले पर राउत ने कहा, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें।
दरअसल आज संजय राउत समाचार एजेंसी ANI से बात कर रहे थे। इस दौरान उनसे कांग्रेस के एक पूर्व CM के हवाले से मीडिया रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछा गया, जिसमें कहा गया था कि अजित पवार ने शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की पेशकश की है।
#WATCH | On media reports quoting a former Congress CM that Ajit Pawar offered Sharad Pawar berth in Union Cabinet, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, "…Ajit Pawar is not that big a leader that he can make an offer to Sharad Pawar. Pawar Sahab made Ajit Pawar, Ajit Pawar… pic.twitter.com/vIITpckVrV
— ANI (@ANI) August 16, 2023
वहीं इस मामले पर आज संजय राउत ने कहा कि, “अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। अजित पवार को पवार(शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी ज़्यादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है।”
जानकारी दें कि, शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच बीते शनिवार यानी 12 अगस्त को पुणे में एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में शरद पवार को बड़ा ऑफर मिलने की बात कही जा रही है। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस के एक पूर्व CM के हवाले से लिखा गया था कि अजित पवार ने बैठक के दौरान शरद पवार को बड़ा ही खास ऑफर दिया था।
#WATCH | Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, "What else are they left with?…You may change the name of the building but you can't change the name of Pandit Nehru that is mentioned in history. You can't change the history created by Mahatma Gandhi, Pandit Nehru, Netaji… https://t.co/p7SQ1qIHM8 pic.twitter.com/lZbruVloyW
— ANI (@ANI) August 16, 2023
वहीं विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के नाम बदलने पर राउत ने BJP और PM मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं।”