नई दिल्ली, 24 दिसंबर (The News Air): महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों का चुनाव आयोग (ईसीआई) ने विस्तार से जवाब दिया है। ईसीआई ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए मतदाता सूची में हुए बदलाव और मतदान के आंकड़ों को लेकर सभी भ्रमों को स्पष्ट किया। आयोग ने वोटर टर्नआउट डेटा, मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया और मतदान के दिन आंकड़ों की गणना के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी।
वोटर टर्नआउट डेटा पर आयोग का जवाब : कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मतदान के दिन 5 बजे के आंकड़ों और अंतिम आंकड़ों में असमानता है, जो असामान्य प्रतीत होती है। इस पर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मतदान दिनांक पर वोटर टर्नआउट डेटा को समयबद्ध तरीके से अपडेट किया जाता है। शाम 5 बजे से रात 11:45 बजे तक के दौरान वोटर टर्नआउट में वृद्धि सामान्य प्रक्रिया है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि फॉर्म 17C, जो मतदान के समय पोलिंग बूथ पर उपस्थित उम्मीदवारों के एजेंट्स को उपलब्ध कराया जाता है, वही मतदान के वास्तविक आंकड़ों का आधिकारिक और स्थायी स्रोत है। यह फॉर्म किसी भी प्रकार के आंकड़ों की गड़बड़ी से बचने के लिए एकमात्र विश्वसनीय दस्तावेज़ है।
मतदाता सूची में 50,000 नए मतदाताओं के आरोपों का खंडन : कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के 50 विधानसभा क्षेत्रों में 50,000 नए मतदाता जोड़े गए हैं। इस आरोप को चुनाव आयोग ने तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया। आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल 6 विधानसभा क्षेत्रों में 50,000 से अधिक मतदाताओं की वृद्धि हुई है, न कि 50 क्षेत्रों में, जैसा कि कांग्रेस ने दावा किया था। आयोग ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में न तो किसी वोटर को हटाया गया और न ही कोई मनमानी तरीके से वोटर जोड़े गए हैं।
आयोग ने कांग्रेस को यह भी बताया कि जुलाई से नवंबर 2024 के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों में 50,000 मतदाताओं के औसत जुड़ने की उनकी शिकायत को गलत बताया गया है। इन सीटों में से 47 सीटों पर महायुति गठबंधन ने जीत दर्ज की थी।
चुनाव आयोग ने अपनी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बताते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदाता सूची में बदलाव और सुधार सही तरीके से होते हैं, सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाता है और हर कदम पर सख्त नियमों का पालन किया जाता है।
चुनाव आयोग का जवाब: पारदर्शिता और निष्पक्षता की गारंटी : चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची में जो भी बदलाव होते हैं, वे सभी राजनीतिक दलों की पूरी भागीदारी के साथ किए जाते हैं और नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हों, और सभी आरोपों का जवाब साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर दिया जाए।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को ठुकरा दिया और स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची और मतदान आंकड़ों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। आयोग ने अपनी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर दिया, जिससे आगामी चुनावों के लिए जनता का विश्वास बना रहे।