नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ अब कोराना का नाम सुनते ही आज भी रोंगटे खड़े करने वाले मंजर हमारी आंखों के सामने तैरने लगते हैं। आज भले ही कोरोना का कहर पूरी दुनिया में अब थम चुका हो, लेकिन आए दिन दुनिया के अलग-अलग देशों में इसके नए वेरिएंट के चर्चे अब आम हो गए हैं।
वहीं अब दुनिया ख़ास कर ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट EG.5.1 तेजी से फैल रहा है, जिसे ‘एरीस’ का नाम दिया गया है। हालांकि इस बीच मिली जानकारी सामने आई है कि जो वायरस ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा है, वो भारत में पहले से ही मौजूद है। महाराष्ट्र में इस नए वेरिएंट का मामला भी सामने आ चुका है।
महाराष्ट्र में नए नए वेरिएंट एरिस की दस्तक
जी हां, अब भारत में और ख़ास कर महाराष्ट्र में, कोरोना मामलों में वृद्धि के संकेत हैं। ऐसा एक स्ट्रेन जिस पर WHO करीब से नजर रख रहा है, वह सबसे हालिया स्ट्रेन, EG.5.1है, जिसे आमतौर पर एरिस के नाम से जाना जाता है। जी हां, लंबी शांति के बाद महाराष्ट्र में अब कोरोना मामलों में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं , जबकि भारत में इसकी उपस्थिति के पहले उदाहरण में राज्य में एक नया ओमिक्रॉन सबवेरिएंट – EG.5.1 का पता चला है। जीनोम अनुक्रमण के लिए महाराष्ट्र के समन्वयक और बीजे मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि, ” EG.5.1 का बीते मई में महाराष्ट्र में पता चला था।”
हालांकि इसका पता चलने के बाद अब दो महीने से जयादा बीत चुके हैं और जून और जुलाई में कोरोना में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है, इसलिए यह सब-वेरिएंट कोई प्रभाव डालता नहीं दिख रहा है। देखा जाए तो अभी भी भारत में XBB.1.16 और XBB.2.3 सब-वेरिएंट हावी हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सक्रिय मामलों की संख्या जुलाई के अंत में 70 से बढ़कर 6 अगस्त को 115 हो गई। वहीं बीते सोमवार को राज्य में मामलों की संख्या 109 थी।
क्या हैं ‘एरिस’ के लक्षण
देखा जाए तो संक्रमित मरीजों के लक्षण में है बुखार, ठंड लगकर बुखार आना, खांसी आना, कफ निकलना। वहीं एक सबसे आम बात यह है कि, इसमें अक्सर निमोनिया के लक्षण भी दिखाई देते हैं। साथ ही गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी मौजूद होते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना रोगी के लिए जरूरी है।