मुंबई, 23 अगस्त (The News Air): मुंबई की गोरेगांव विधानसभा में काफी पॉश इलाके आते हैं। यह सीट 1978 में अस्तित्व में आई थी। यह से पहले चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार पदमाकर सांमत जीते थे। इसके बाद 1980 में जब अगला चुनाव हुआ तो इस सीट पर कांग्रेस के कैंडिडेट सी एम शर्मा विजयी हए। इसके बाद 1985 में एक बार फिर से जनता पार्टी ने इस सीट पर वापसी की। मृणाल गोरे को जीत मिली। 1990 के चुनाव में इस सीट पर पहली बार शिवसेना को जीत मिली। पार्टी के नेता सुभाष देसाई यहां से चुने गए। इसके 1995 और 1999 में शिवसेना कैंडिडेट नंदकुमार काले जीते। इसके बाद 2004 में 2009 में फिर से सुभाष देसाई को जीत मिली।
2019 विधानसभा का चुनाव परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
बीजेपी | विद्या ठाकुर | 81,233 |
कांग्रेस | मोहिते युवराज गणेश | 32,326 |
मनसे | वीरेंद्र जाधव | 26,689 |
2014 में पहली बार खिला कमल
2014 के विधानसभा चुनावों में गोरेगांव विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिला। यहां पर बीजेपी की कैंडिडेट विद्या ठाकुर जीतीं। 2014 के चुनावों में बीजेपी ने शिवसेना के सुभाष देसाई को हराया। उन्होंने तब कांटे के मुकाबले में 4,756 वोटों से जीत हासिल की। इसके बाद अगले चुनाव में विद्या ठाकुर बीजेपी और शिवसेना की संयुक्त प्रत्याशी बनी। वे फिर से निर्वाचित हुईं। इसे चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के कैंडिडेट को शिकस्त दी। बीजेपी और शिवसेना की संयुक्त उम्मीदवार होने से उन्हें फायदा भी मिला। 2019 में वह 48 हजार से अधिक वोटों से जीतीं थी। इस सीट पर 2024 के चुनावों में भी कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही है।