Mahakumbh Mela 2025 Fire Tragedy : महाकुंभ मेले (Mahakumbh Mela) के सातवें दिन, रविवार को सेक्टर नंबर 19 में गीता प्रेस (Geeta Press) के शिविर में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की शुरुआत खाना बनाने के दौरान एक छोटे सिलेंडर में रिसाव के कारण हुई, जो कुछ ही देर में विकराल रूप ले गई। इसके बाद एक-एक करके तीन सिलेंडरों में तेज धमाके हुए, जिससे आग ने पूरे शिविर को अपनी चपेट में ले लिया।
इस घटना में कल्पवासियों (Kalpvasis) के रहने वाले सौ से अधिक पुआल से बने कॉटेज पूरी तरह जलकर राख हो गए। आग से करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
राहत कार्य में जुटे फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ : आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन मेले में स्नानार्थियों की भारी भीड़ के कारण दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचने में देरी हुई। लगभग 40 दमकल गाड़ियों ने मिलकर एक घंटे की अथक कोशिश के बाद आग पर काबू पाया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
दहशत में सिलेंडर लेकर भागे लोग : जैसे ही आग की लपटें तेज हुईं, गीता प्रेस (Geeta Press) के शिविर में ठहरे कल्पवासियों में भगदड़ मच गई। लोग अपने सामान और सिलेंडर उठाकर सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे। दूसरी ओर, निर्मल आश्रम (Nirmal Ashram) और विवेकानंद सेवा समिति (Vivekanand Seva Samiti) के शिविरों में भी आग तेजी से फैल गई।
घटना के दौरान तुलसी मार्ग (Tulsi Marg) पर श्रद्धालुओं और साधुओं ने मिलकर लोगों को बचाने का प्रयास किया। भीड़ के कारण राहत टीमों को भी राहत कार्य करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
कॉटेज और सामान में करोड़ों का नुकसान : आग लगने से पुआल से बने सौ से अधिक कॉटेज, गृहस्थी का सामान, टॉयलेट और अन्य जरूरी चीजें जलकर नष्ट हो गईं। प्रशासन का कहना है कि प्रत्येक कॉटेज की कीमत लगभग 35,000 रुपये थी। इसके अलावा, एक शिविर में लाखों रुपये का नकद धन भी जल गया, जिसमें आधे जले हुए नोट फायर ब्रिगेड की टीम को मिले। कुल मिलाकर, नुकसान का आंकलन एक करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया : घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने फायर ब्रिगेड, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया कि मेले में अग्निकांड जैसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपाय और मजबूत किए जाएं।
इस दौरान डीआईजी वैभव कृष्ण (Vaibhav Krishna), मेलाधिकारी विजय किरण आनंद (Vijay Kiran Anand) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा : पुआल से बने कॉटेज में भोजन बनाने की अनुमति देना प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। इस छोटी सी गलती ने न केवल करोड़ों का नुकसान किया बल्कि श्रद्धालुओं में भय का माहौल भी बना दिया।
महाकुंभ मेले में हुए इस अग्निकांड ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ की वजह से राहत कार्य में देरी हुई, लेकिन फायर ब्रिगेड और राहत टीमों की मेहनत से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद से आग से बचाव के लिए और कड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद है।