प्रयागराज (Prayagraj), 11 जनवरी (The News Air): Maha Kumbh 2025 से पहले जूना अखाड़ा (Juna Akhada) में एक बड़ी घटना चर्चा का विषय बन गई है। नाबालिग लड़की को अखाड़े में प्रवेश दिलाने पर विवाद हुआ, जिसके बाद जूना अखाड़े ने 13 वर्षीय राखी सिंह (Rakhi Singh) को अस्वीकार करते हुए ससम्मान घर भेज दिया। इस मामले में जिम्मेदार महंत कौशल गिरि (Kaushal Giri) को 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि (Narayan Giri) ने बताया कि अखाड़े के नियमों के अनुसार, केवल 25 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं ही संन्यास ले सकती हैं। नाबालिग लड़की का प्रवेश नियम विरुद्ध था, और इसे गंभीरता से लिया गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद? : महाकुंभ की तैयारी के दौरान, 13 वर्षीय राखी सिंह अपने माता-पिता के साथ गुरु सेवा में आई थी। उसके मन में अचानक वैराग्य जागा और उसने साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की। माता-पिता ने इसे प्रभु की इच्छा मानकर उसे जूना अखाड़े को सौंप दिया।
महंत कौशल गिरि ने उसे नया नाम गौरी गिरि (Gauri Giri) दिया और दीक्षा दे दी। हालांकि, जब यह मामला अखाड़े की आम सभा (General Meeting) में पहुंचा, तो संतों ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए नाराजगी जाहिर की।
आज सभा में क्या हुआ?: शुक्रवार को हुई बैठक में अखाड़े के प्रमुख संत, जैसे:
- संरक्षक महंत हरि गिरि (Hari Giri)
- सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि (Prem Giri)
- अन्य पदाधिकारी
ने इस मामले पर चर्चा की। बिना अखाड़े को सूचित किए, नाबालिग को संन्यास दिलाने पर रोष प्रकट किया गया। इसके परिणामस्वरूप महंत कौशल गिरि को 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
जूना अखाड़े के नियम और बयान
- प्रवेश की आयु सीमा:
- 25 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को ही संन्यास दिया जाता है।
- 18 वर्ष से कम आयु के लड़कों को विशेष परिस्थिति में प्रवेश दिया जा सकता है।
- संतों का रोष:
नाबालिग लड़की को नियमों के विरुद्ध प्रवेश दिलाने से अखाड़े की साख पर सवाल उठने का डर था।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने स्पष्ट किया, “लड़की को ससम्मान उसके माता-पिता के साथ घर भेज दिया गया है। अखाड़ा इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने नहीं देगा।”
घटना से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य:
- लड़की का नाम: राखी सिंह (Rakhi Singh)
- नया नाम: गौरी गिरि (Gauri Giri)
- लापरवाह महंत: कौशल गिरि (Kaushal Giri)
- अखाड़े का निर्णय: कौशल गिरि 7 साल के लिए निष्कासित।
- स्थान: प्रयागराज (Prayagraj), जूना अखाड़ा।
अखाड़े की साख और भविष्य : Maha Kumbh 2025 से पहले यह घटना जूना अखाड़े की छवि पर सवाल उठाती है। हालांकि, अखाड़े ने त्वरित और सख्त कार्रवाई कर अपने नियमों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है।
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