Murshidabad Babri Masjid Construction Donation: पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद इन दिनों एक नई मस्जिद के निर्माण को लेकर जबरदस्त सुर्खियों में है। यहां बनने वाली नई ‘बाबरी मस्जिद’ के लिए देश भर से इस कदर पैसों की बारिश हो रही है कि नोटों के पहाड़ लग गए हैं। हालात यह हैं कि चंदे की रकम को गिनने के लिए इंसान कम पड़ गए और आखिरकार मशीनें मंगवानी पड़ीं।
मुर्शिदाबाद में नई मस्जिद को लेकर माहौल लगातार गर्म है। मुस्लिम समुदाय के लोग देश के कोने-कोने से इस निर्माण कार्य के लिए दिल खोलकर दान दे रहे हैं। मुर्शिदाबाद के शक्ति नगर इलाके में एक अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। यह कोई बैंक का कैश रूम नहीं, बल्कि स्थानीय विधायक हुमायूं कबीर के घर का ऑफिस है, जो इन दिनों नोटों की गिनती का केंद्र बना हुआ है।
नोटों का पहाड़ और मशीनों से गिनती
नई बाबरी मस्जिद के लिए जुट रहे चंदे को गिनने के लिए पिछले दो दिनों से लगातार करीब 30 लोग दिन-रात लगे हुए हैं। चंदे की आवक इतनी तेज है कि महज दो दिनों में ही पैसों की 11 पेटियां भर गई हैं। नोटों का अंबार इतना बड़ा है कि उसे हाथ से गिनना लगभग नामुमकिन हो गया, जिसके चलते नोट गिनने वाली मशीनें मंगवानी पड़ीं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पहले दिन डोनेशन बॉक्स से 37 लाख 33 हजार रुपये कैश निकले। दूसरे दिन यह आंकड़ा और बढ़ गया और 38 लाख 34 हजार 573 रुपये गिने गए। यानी सिर्फ दो दिनों में ही कुल कैश कलेक्शन 75 लाख 67 हजार 573 रुपये तक पहुंच गया। सिर्फ नगद ही नहीं, बैंक खाते में भी पैसों की बरसात हो रही है। सोमवार दोपहर तक बैंक खाते में 1 करोड़ 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा हो चुके थे। कुल मिलाकर मस्जिद निर्माण के लिए अब तक लगभग 3 करोड़ रुपये इकट्ठा होने का अनुमान है।
विधायक हुमायूं कबीर का बड़ा यू-टर्न
इस भारी भरकम चंदे और मस्जिद निर्माण की हलचल के बीच राजनीति भी गरमा गई है। इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में हैं टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर, जिन्होंने खुद फेसबुक पर नोट गिनने की मशीनों और गिनती में लगे लोगों का वीडियो शेयर किया है। हुमायूं कबीर ने ही 6 दिसंबर को इस मस्जिद की नींव रखी थी।
नींव रखने वाले दिन उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया था कि वह विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। लेकिन अब, महज दो दिनों के भीतर ही उनका स्टैंड पूरी तरह बदल गया है। कबीर के बयान में एक बड़ा यू-टर्न सामने आया है। अब उनका कहना है कि इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता और वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। उनके इस बदलते रुख पर विपक्ष सवाल उठा रहा है और मामले में नए राजनीतिक रंग दिखने लगे हैं।
जानें पूरा मामला: विवादित बयानों का इतिहास
मुर्शिदाबाद की सियासत को हुमायूं कबीर के बयान लगातार सुर्खियों में बनाए हुए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब वे विवादों में हैं। बाबरी मस्जिद बनाने को लेकर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने एक विवादित बयान दिया था (वीडियो में तारीख 28 नवंबर 2025 बताई गई है) कि जो कोई उन्हें रोकने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा था, “अगर 100 मुसलमान शहीद होंगे तो वह अपने साथ 500 लोगों को ले जाएंगे।”
इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में एक जनसभा में उन्होंने बेहद भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर 2 घंटे में हिंदुओं को भागीरथी नदी में नहीं डुबो दिया तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने जनसंख्या के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था, “तुम 30% हो, हम 70% हैं। मैं तुम्हें शक्तिपुर में रहने नहीं दूंगा।” फिलहाल, मस्जिद के लिए जुट रहा करोड़ों का चंदा और विधायक के बदलते बयान क्षेत्र में चर्चा का मुख्य विषय बने हुए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
-
मुर्शिदाबाद में नई मस्जिद के लिए 2 दिनों में 11 पेटी चंदा आया।
-
नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं, करीब 30 लोग काम पर लगे।
-
कुल जमा राशि लगभग 3 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान।
-
नींव रखने वाले विधायक हुमायूं कबीर ने इस्तीफे के बयान से यू-टर्न लिया।






