PM Modi West Bengal Rally 2024 : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दुर्गापुर (Durgapur) में आयोजित एक बड़ी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने भाषण की शुरुआत जय मां काली और जय मां दुर्गा के जयघोष से की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा (BJP) इस बार बंगाल में रणनीतिक बदलाव के साथ मैदान में उतरी है। भाषण के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का नाम एक बार भी नहीं लिया, जो इस बात का संकेत है कि पार्टी अब सीधे नाम लेकर टकराव की बजाय मुद्दों पर फोकस करना चाहती है।
हालांकि इस भाषण पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता और सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अब बंगाली वोटर्स को लुभाने के लिए मां काली (Maa Kaali) के जयकारे लगा रहे हैं, लेकिन ये कोशिश बहुत देर से की जा रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “मां काली ढोकला ना तो खाती हैं और ना ही कभी खाएंगी।” उन्होंने पीएम मोदी के गुजरात (Gujarat) से होने का हवाला देते हुए यह टिप्पणी की, जहां ढोकला एक प्रसिद्ध व्यंजन है।
मोइत्रा के इस बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। जहां एक ओर भाजपा बंगाल में खुद को विकास और सुशासन का वाहक बताकर जनता को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं टीएमसी इसे ‘राजनीतिक नौटंकी’ बता रही है। शुक्रवार को हुई इस रैली में प्रधानमंत्री ने 5,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की घोषणा की और कहा कि भाजपा एक समृद्ध और गौरवशाली पश्चिम बंगाल बनाना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि टीएमसी खुलेआम घुसपैठियों (infiltrators) का समर्थन कर रही है, जबकि भाजपा इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करेगी। उनके मुताबिक, पार्टी का मकसद यह है कि राज्य की राजनीति को नरेंद्र मोदी बनाम ममता बनर्जी की लड़ाई के बजाय बदलाव बनाम टीएमसी में बदला जाए। यही वजह है कि उन्होंने अपने पूरे 33 मिनट के भाषण में एक बार भी ममता बनर्जी का नाम नहीं लिया।
महुआ मोइत्रा के इस बयान ने भाजपा की रणनीति और पश्चिम बंगाल में उसके प्रभाव को लेकर नई बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री का मां काली का जयघोष सच में बंगाल के वोटरों के दिल को छू पाएगा या टीएमसी की काट ज्यादा प्रभावशाली साबित होगी?