Lucknow Minor Girl Assault Case – उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के आलमबाग मेट्रो स्टेशन (Alambagh Metro Station) के नीचे से मासूम बच्ची के अपहरण और उसके साथ दरिंदगी की वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आरोपी दीपक वर्मा (Deepak Verma) के वहशीपन की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वह बच्ची को अपनी गोद में लेकर लिफ्ट की ओर ले जाता दिखाई दे रहा है।
यह घटना गुरुवार तड़के की है, जब बच्ची अपने माता-पिता के साथ स्टेशन के पास सो रही थी। सुबह लगभग तीन बजे बच्ची के माता-पिता को वह खून से लथपथ हालत में लिफ्ट के पास मिली। उसके निजी अंगों से खून बह रहा था। परिवार ने तत्काल उसे लोकबंधु अस्पताल (Lokbandhu Hospital) पहुंचाया, जहां से उसे ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बच्ची को सीधे पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग (Pediatric Surgery Department) में भर्ती किया। केजीएमयू (KGMU) के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. जे. पी. रावत (Dr. J.P. Rawat) ने बताया कि बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन उसके निजी अंगों में गंभीर चोटें हैं और सर्जरी की तैयारी की जा रही है।
घटना के खुलासे के लिए लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) की पांच टीमें लगाई गईं। पुलिस उपायुक्त आशीष श्रीवास्तव (Ashish Srivastava) के अनुसार, वारदात के बाद पुलिस ने पांच किलोमीटर के दायरे में 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) खंगाले। एक फुटेज में बच्ची को सफेद स्कूटी से आए युवक द्वारा उठाते हुए देखा गया। स्कूटी का नंबर निकालकर आरटीओ (RTO) से जांच की गई तो पता चला कि वह स्कूटी विष्णु वर्मा (Vishnu Verma) की थी और उसे उसका छोटा भाई दीपक वर्मा चला रहा था।
शुक्रवार तड़के करीब 4 बजे पुलिस ने दीपक वर्मा को मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी के प्रयास के दौरान दीपक ने फायरिंग की, जिसके जवाब में उसे गोली लगी। उसे तुरंत लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
दीपक वर्मा, रेलवे में वेंडर था और पानी बेचने का काम करता था। थाना हजरतगंज (Hazratganj Police Station) में उस पर पहले से एक मुकदमा दर्ज था। वह कभी-कभी धार्मिक आयोजनों में झांकियां भी सजाता था।
घटना की रात मासूम बच्ची का परिवार, जो मूल रूप से उन्नाव (Unnao) का रहने वाला है और लखनऊ में कबाड़ बीनने का काम करता है, मेट्रो स्टेशन के चबूतरे पर सो रहा था। पिता की नींद करीब तीन बजे खुली तो बच्ची गायब थी। खोजबीन के दौरान एक बुजुर्ग ने बताया कि बच्ची लिफ्ट के पास गलियारे में पड़ी है। वहां बच्ची खून से लथपथ हालत में रो रही थी।
इस दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य भर में आक्रोश फैला दिया है, लेकिन लखनऊ पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एनकाउंटर से जनता को कुछ राहत मिली है। बच्ची की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है, और पूरा प्रदेश उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है।