Ahmedabad Plane Crash Local Volunteer Rescue ने इंसानियत की नई मिसाल कायम कर दी है। 12 जून को अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए भयावह एयर इंडिया (Air India) विमान हादसे के बाद राहत कार्य में स्थानीय लोगों (Local Citizens) ने भी जिस जज्बे से हिस्सा लिया, वो दिल छू लेने वाला है। हादसे के बाद घटनास्थल पर फैले मलबे, धुएं और शवों के बीच लोगों ने बचाव दल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
इन्हीं में से एक हैं 56 वर्षीय राजेश पटेल (Rajesh Patel), जो पेशे से रियल एस्टेट कारोबारी हैं और इसी क्षेत्र के निवासी हैं। हादसे के वक्त वे लंच करने घर जा रहे थे, लेकिन जब उन्होंने विमान क्रैश की खबर सुनी, तो सीधे घटनास्थल पर पहुंच गए। राजेश पटेल अगले सात घंटे तक मलबा हटाने और शवों के टुकड़े उठाने में लगे रहे। उन्होंने बताया कि विस्फोट इतना तेज था कि पास-पड़ोस के लोग भी तुरंत घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाए। लेकिन जब वह पहुंचे तो चारों ओर सिर्फ चीखें, दर्द और बिखरे हुए शव दिखाई दिए।
राजेश पटेल ने बताया कि उन्होंने और अन्य स्थानीय लोगों ने शुरुआत में बैग्स और कपड़ों की मदद से शवों के टुकड़े उठाए, बाद में साड़ियों का सहारा लिया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद करीब 50 शवों को इकट्ठा किया। यह सीन ऐसा था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
घटनास्थल पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीम को भी राहत कार्य में लगाया गया है। हालांकि अधिकारियों के अनुसार, NSG का वहां जांच से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वे सिर्फ अन्य एजेंसियों की सहायता के लिए वहां मौजूद हैं। मौके पर DGCA, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB), अहमदाबाद अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस भी जांच में जुटी हुई हैं।
यह हादसा उस समय हुआ जब लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (Boeing 787 Dreamliner) उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही मेघाणीनगर (Meghaninagar) इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज परिसर पर आकर क्रैश हो गया। विमान में कुल 242 यात्री और चालक दल के सदस्य थे। हादसे में अब तक 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि विमान का पिछला हिस्सा अभी भी छात्रावास (Hostel Building) में फंसा हुआ है।
हादसे के बाद से घटनास्थल पर लगातार मलबा हटाने का कार्य जारी है। सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की मदद यह दिखाती है कि आपदा के समय भी इंसानियत जीवित रहती है। इस त्रासदी में जहां एक ओर भारी जान-माल की हानि हुई है, वहीं दूसरी ओर राजेश पटेल जैसे लोग उम्मीद की एक किरण बनकर सामने आए हैं।






