The News Air- (नई दिल्ली) पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) होने वाले हैं लेकिन अभी तक कांग्रेस ने एक भी उम्मीदवार की सूची जारी नहीं हुई है. नवजोत सिंह सिद्धू बनाम चरणजीत सिंह चन्नी (Navjot Singh Sidhu Vs Charanjeet Singh Channi) की ज़ंग ने पार्टी उम्मीदवारों के नाम पर फ़ैसला रोक दिया है. आलम ये है कि उम्मीदवारों की छानबीन करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की लगभग आधा दर्ज़न बैठकें हो चुकी हैं, 40 से 50 नाम लगभग तय भी हैं लेकिन लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है. कई नामों पर झगड़े की वजह से लिस्ट फाइनल करने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) की बैठक अब तक नहीं हो पाई है, ये बैठक गुरुवार को होगी.
5 राज्यों में होने जा रहे चुनाव में पंजाब ही एक ऐसा सूबा है जहां कांग्रेस सरकार की वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है. अमरिंदर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाने और दलित सीएम बनाने के बाद पार्टी इस उम्मीद में थी कि सिद्धू और चन्नी की जोड़ी उसे सत्ता में वापस लाएगी. लेकिन सिद्धू और चन्नी में इस क़दर मतभेद है कि पार्टी के उम्मीदवार ही घोषित नहीं हो पा रहे हैं. स्क्रीनिंग कमेटी (Screening Committee) की कई बैठकें हो गईं लेकिन सीईसी से मुहर लगकर अब तक एक भी लिस्ट नहीं पास हो पाई. इसके पीछे सिद्धू और चन्नी की अपनी अपनी पसंद के उम्मीदवारों के लिए टिकट मांगना है.
20 सीटों पर नहीं बन रही सिद्धू और चन्नी की सहमति
पंजाब में लगभग 20 ऐसी सीटें हैं जिसपर सिद्धू और चन्नी की सहमति नहीं बन पा रही है. राज्य की 117 सीटों वाली विधानसभा के लिए लगभग 50 नाम फाइनल हो गए हैं. इसमें कुल 1550 उम्मीदवारों ने अब तक टिकट मांगा है. जानकारी के मुताबिक़ 24 मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं. पार्टी के सर्वे में आधा दर्ज़न मंत्रियों को भी दोबारा टिकट नहीं देने की संस्तुति की गई है. कुछ विधायकों और मंत्रियों की सीट बदलने की भी संभावना है.
सिद्धू और चन्नी दोनों जानते हैं कि सरकार बनने की नौबत आई तो सीएम वही बनेगा जिसके पास ज़्यादा विधायकों का समर्थन हो, ज़्यादा विधायकों का समर्थन तभी मिलेगा जब उनके अपने लोगों को टिकट मिले और वे जीतकर आएं. यही वजह है कि उम्मीदवारों के नाम पर घमासान मचा हुआ है. हालांकि गुरुवार की बैठक के बाद उन उम्मीदवारों की एक सूची आ सकती है जिनके नाम पर मतभेद नहीं है.