America Action On Pakistan पाकिस्तान के लिए अमेरिका से एक बहुत बुरी खबर सामने आई है। अमेरिका के 40 से ज्यादा सांसदों ने एक पत्र लिखकर मांग की है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (CDF) जनरल आसिम मुनीर पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया जाए। सांसदों का कहना है कि पाकिस्तान में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं और भारत-रूस के रिश्ते नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ता दिख रहा है। अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रूबियो को लिखी चिट्ठी में साफ तौर पर कहा है कि पाकिस्तान में सेना सरकार चला रही है और आम लोगों के मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है।
‘तानाशाही के खिलाफ सख्त कदम’
अमेरिकी सांसदों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में सेना और सरकार मिलकर तानाशाही चला रहे हैं। पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, अगवा किया जा रहा है और देश छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। पत्र में डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल और ग्रेग कासर के नेतृत्व में यह मांग उठाई गई है। सांसदों का कहना है कि न सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी सरकार के खिलाफ बोलने पर धमकियां दी जा रही हैं। उनके पाकिस्तान में रह रहे परिवारों को टॉर्चर किया जा रहा है।
पत्रकारों और नागरिकों का अपहरण
चिट्ठी में कुछ विशिष्ट घटनाओं का जिक्र भी किया गया है। वर्जीनिया के पत्रकार अहमद नूरानी का उदाहरण देते हुए बताया गया कि जब उन्होंने पाकिस्तानी सेना के भ्रष्टाचार पर रिपोर्टिंग की, तो उनके पाकिस्तान में रहने वाले दो भाइयों को अगवा कर लिया गया और महीनों तक टॉर्चर किया गया। इसी तरह, मशहूर संगीतकार सलमान अहमद के जीजा का भी अपहरण किया गया था, जिन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया।
चौतरफा घिरता पाकिस्तान
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस वक्त चौतरफा मार झेल रहा है। एक तरफ चीन, जिसे वह अपना ‘सदाबहार दोस्त’ मानता था, उससे भी रिश्ते तनावपूर्ण हो रहे हैं। दूसरी तरफ अमेरिका, जो कभी पर्दे के पीछे से मदद करता था, अब खुलकर खिलाफ हो गया है। भारत के साथ तो उसके रिश्ते पहले से ही खराब हैं। अफगानिस्तान और तालिबान के मोर्चे पर भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ रही है। ऐसे में आसिम मुनीर और शहबाज शरीफ के लिए अमेरिका में बैन की बात एक बहुत बड़ा कूटनीतिक झटका है।
चुनावों में धांधली का आरोप
अमेरिकी सांसदों ने 2024 के पाकिस्तानी आम चुनावों में हुई धांधली का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र संस्थाओं और खुद अमेरिकी विदेश विभाग ने चुनावों में गड़बड़ी पर चिंता जताई थी और जांच की मांग की थी। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे वहां तानाशाही और मजबूत हो रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमेरिका के 40 से ज्यादा सांसदों ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को बैन करने की मांग की।
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सांसदों ने पाकिस्तान में मानवाधिकार हनन और तानाशाही का आरोप लगाया।
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विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के परिवारों को टॉर्चर करने की बात कही गई।
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पत्रकारों के अपहरण और चुनावी धांधली का मुद्दा उठाया गया।
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पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से अमेरिका, चीन और भारत सभी से अलग-थलग पड़ता दिख रहा है।






