The News Air-भारत-पाक के बीच बने करतारपुर कॉरिडोर के ज़रिए पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहिब तक जाने में कड़ी सुरक्षा बरती जा रही है। भारत के साथ पाकिस्तान तक इन सिक्योरिटी चैक से गुज़रने में क़रीब डेढ़ से 2 घंटे का वक़्त लग जाता है।
पाकिस्तान में सख़्ती भी है कि यहां से गए श्रद्धालु सिर्फ़ गुरुद्वारे की बाउंड्री के अंदर ही घूम सकते हैं। वहीं, उन्हें शाम 6 बजे से पहले भारत लौटना अनिवार्य है। दैनिक भास्कर ने पंजाब से गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब पहुंचे श्रद्धालू सुनील सिंगला से जाने कि करतारपुर कॉरिडोर से दर्शन तक किस तरह की प्रक्रिया रहती है।
- सबसे पहले पोलियो ड्रॉप पिलाकर इमीग्रेशन फार्म पर उसकी मुहर लगाई गई। टेंपरेचर चैक किया। सिक्योरिटी चैक कर भारत की इमीग्रेशन चेक पोस्ट पर गए।
- वहाँ कोविड की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट, पासपोर्ट, वैक्सीन की दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, 2 फ़ोटो चैक की गई।
- इसके बाद यहीं पर आंख स्कैन की गई। दोनों हाथों की चारों अंगुलियों के फिर दोनों अंगूठों को स्कैन किया गया। इसके बाद एक फार्म दिया गया। जिसमें बताया कि साथ में क्या लेकर जा रहे। कितनी करंसी है। अकेले हो या साथ में कोई ओर भी है।
- इसके बाद 8 सीटर बग्घी पर बिठाकर ले गए। पाकिस्तान एंटर होने से पहले भारतीय बीएसएफ ने पासपोर्ट और वीज़ा की जांच की। आरटी-पीसीआर, वैक्सीन सर्टिफिकेट चैक किया।
- इसके बाद उन्हें पाकिस्तान का गेट पर उतार दिया। वहाँ सिर्फ़ 2 क़दम के बाद पाकिस्तान शुरू हो गया।पाकिस्तान सेना ने सबसे पहले RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट, वैक्सीन सर्टिफिकेट, पासपोर्ट और वीज़ा देखा।
- इसके बाद 8 सीटर गाड़ी में अपने इमीग्रेशन ऑफ़िस ले गए।वहाँ पोलियो ड्रॉप और टेंपरेचर की मेडिकल रिपोर्ट देखी। फिर फ़ीस काउंटर पर भेज 20 डॉलर जमा करवाए। पासपोर्ट स्कैन किया। नाम और उम्र की वेरिफिकेशन की। फ़ीस की 2 स्लिप ख़ुद रखी और 2 हमें दे दी।
- इसके बाद पाक इमीग्रेशन में पासपोर्ट चैक किया। आंखों को मैच कर अंगुलियों-अंगूठों की स्कैनिंग की। फिर पासपोर्ट स्कैन किया।
- पाक वीज़ा काउंटर क्लियर करने से पहले आई कार्ड दिया। हिदायत दी गई कि इसे किसी के साथ चेंज नहीं करना है।
- फिर बस में बिठाकर ढाई किमी ले गए। वहाँ गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले पाक पुलिस ने पासपोर्ट, फ़ीस वाली स्लिप और आई कार्ड देखा। इसके बाद गुरुद्वारे में दर्शन के लिए भेज दिया।
- गुरूद्वारा दर्शन के बाद वापस बस में बिठाकर पाक इमीग्रेशन ऑफ़िस तक लाए। वहाँ पर आई-कार्ड वापस और फ़ीस कूपन वापस ले लिया। इसके बाद वापस लौटने तक दस्तावेज़ों की जांच की वही प्रक्रिया रहती है, जैसे जाते वक़्त थी।
- करतारपुर दर्शन की फ़ीस वाली स्लिप