The News Air– महाराष्ट्र विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण दारेकर केंद्रीय सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले में पूछताछ के लिए MRA मार्ग पुलिस स्टेशन में पहुंचे हैं। दारेकर को 31 मार्च को पूछताछ के लिए समन किया गया था। फ़िलहाल उनसे पूछताछ जारी है। दारेकर के समर्थन में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन के सामने मौजूद हैं और लगातार सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक़, आम आदमी पार्टी के प्रदेश महासचिव धनंजय शिंदे की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने 14 मार्च को दारेकर के ख़िलाफ़ एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज़ किया था।
प्रवीण दारेकर पर यह है आरोप
आम आदमी पार्टी(AAP) के प्रदेश महासचिव धनंजय शिंदे ने प्रवीण दारेकर के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाये थे। अपने आरोप में उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता दारेकर ने श्रमिक वर्ग में निदेशक के रूप में पद पर रहते हुए बैंक का चुनाव लड़ने के लिए मज़दूर बनकर सरकार और एमडीसीसीसीबी को धोखा दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रवीण दारेकर ने एमडीसीसीबी निदेशक और अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकालों की सेवा की, जिसके बाद महाराष्ट्र सहकारिता विभाग द्वारा जांच का आदेश दिया गया और उन्हें जनवरी 2022 में अयोग्य घोषित कर दिया गया।
2000 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप
शिंदे ने आगे कहा कि प्रवीण दारेकर के कार्यकाल के दौरान एमडीसीसीबी के कथित तौर पर 2000 करोड़ रुपये के धन का की हेराफेरी हुई और यही कारण है कि पिरवीण दारेकर को नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है और उन्हें नेता विपक्ष के नेता के पद से तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
पहले भी दारेकर के ख़िलाफ़ दर्ज़ हुए केस
जानकारी के मुताबिक़ आम आदमी पार्टी के प्रदेश महासचिव धनंजय शिंदे के अलावा, शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने भी सितंबर 2021 में घाटकोपर पुलिस स्टेशन में विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दारेकर के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज़ कराई थी। जिन्होंने किशोर तिवारी ने आरोप लगाया था कि दारेकर ने अपने चुनावी हलफ़नामे में पेशेवर कार्य को ग़लत तरीक़े से वर्णित किया था।
इन आरोपों को दारेकर ने खारिज किया
प्रवीण दारेकर ने इस मामले में आप के धनंजय शिंदे और शिव सेना के किशोर तिवारी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का कड़ाई से खंडन किया है। जिसके बाद आप और शिवसेना नेताओं ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के रूख को स्पष्ट करने का आग्रह किया है।