चंडीगढ़ (The News Air) चंडीगढ़ जिला अदालत ने 11 सटोरियों को गैंबलिंग एक्ट के तहत दर्ज केस में आरोप मुक्त कर दिया है। इसका कारण चंडीगढ़ पुलिस द्वारा तय समय में चार्जशीट दायर न करना है। पुलिस ने शंकर, सुमीत, राकेश कुमार, सिमरन सिंह, रमन, राजेश कुमार, शिव बुद्धि राज, पवन कुमार, अनिल कुमार, गुलाम साकिर और राजिंदर कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था। 14 दिसंबर, 2020 को पुलिस ने यह केस दर्ज किया था।
धारा 468 का हवाला दिया
मामले में सुमित, राकेश कुमार, सिमरन सिंह, रमन, राजेश कुमार, शिव बुद्धि राज और पवन कुमार के वकील हरीश भारद्वाज ने आरोपियों को आरोप मुक्त करने की मांग की। इसके पीछे उन्होंने CrPC की धारा 468 का हवाला देते हुए कहा कि चार्जशीट तय समय से देरी में दायर की गई। कहा गया कि मामले में 14 दिसंबर, 2020 को FIR दर्ज हुई और चार्जशीट 19 अप्रैल, 2022 को पेश की गई। चार्जशीट दायर करने में 1 साल, 4 महीने का समय लिया गया। ऐसे में आरोपी आरोप मुक्त के अधिकार है।
सरकारी वकील ने किया विरोध
वहीं सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों को आरोप मुक्त करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि इन्होंने गैंबलिंग एक्ट के तहत अपराध किया है। ऐसे में आरोप मुक्त की अर्जी का विरोध किया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अर्जी मंजूर कर ली और आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया।
कोर्ट नहीं ले सकता संज्ञान
कोर्ट ने फैसले में कहा कि केस की परिस्थितियों और तथ्यों को देखने और कानून के संबंधित प्रावधान के तहत अर्जी को मंजूर किया जाना बनता है क्योंकि चार्जशीट तय समय से काफी देरी से दायर किया गया। धारा 468 के तहत तय समय निकलने के बाद इस मामले में कोर्ट मामले में संज्ञान नहीं ले सकता। जिन मामलों में अधिकतम 1 साल तक कैद का प्रावधान है उसमें चार्जशीट दायर करने की सीमा एक वर्ष है।