Retail Inflation, India CPI, Inflation Rate: देश में महंगाई के मोर्चे पर आम जनता को राहत मिली है। जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) घटकर 4.31% पर आ गई, जो पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2024 में यह 5.22% थी। सरकार द्वारा 12 फरवरी को जारी किए गए इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि महंगाई में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जा रही है।
यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में पांच वर्षों में पहली बार ब्याज दरों में कटौती की थी। RBI ने रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया, जिससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ा और महंगाई नियंत्रित करने में मदद मिली।
महंगाई में और गिरावट की उम्मीद! RBI का अनुमान क्या कहता है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने पूर्वानुमान में बताया कि आने वाले महीनों में महंगाई दर और घट सकती है। RBI का अनुमान है कि:
- चौथी तिमाही (Q4FY24) में औसत महंगाई 4.4% रह सकती है।
- Q1FY25 में यह 4.5% के आसपास बनी रह सकती है।
- Q2FY25 में गिरकर 4% तक आ सकती है।
- Q3FY25 में यह और कम होकर 3.8% तक पहुंच सकती है।
Retail Inflation क्यों घटी? प्रमुख कारण
- RBI की ब्याज दरों में कटौती: रेपो रेट में कमी से बैंकिंग सिस्टम में अधिक नकदी आई, जिससे बाजार में स्थिरता बनी और महंगाई पर नियंत्रण रहा।
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी: जनवरी में अनाज, सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे CPI (Consumer Price Index) में कमी आई।
- तेल के दाम स्थिर: कच्चे तेल की कीमतों में भी ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं रहा, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रण में रहीं।
- खुदरा बाजार में मांग संतुलित रही: दिसंबर-जनवरी के दौरान अधिकतर उपभोक्ता वस्तुओं की मांग स्थिर रही, जिससे महंगाई नहीं बढ़ी।
RBI के 4% लक्ष्य तक पहुंचेगी महंगाई?
अगर हम Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार बात करें तो, महंगाई शायद ही कभी RBI के 4% लक्ष्य सीमा के आसपास स्थिर रही है। जुलाई 2016 में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की घोषणा के बाद से 102 महीनों में महज 13 बार महंगाई 4% लक्ष्य (0.3% ऊपर या नीचे) के आसपास रही है।
RBI ने बार-बार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सख्त नीतियां अपनाई हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि महंगाई लगातार उतार-चढ़ाव के साथ बनी रही है। यही वजह है कि बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के 4% के स्तर तक आने में अभी और वक्त लग सकता है।
आम जनता को कैसे मिलेगा फायदा?
- खाद्य वस्तुएं और सस्ती हो सकती हैं – अगर महंगाई की दर इसी तरह गिरती रही, तो आने वाले महीनों में सब्जियां, दालें और अनाज सस्ते हो सकते हैं।
- ब्याज दरें और कम होने की उम्मीद – अगर महंगाई नियंत्रण में रही, तो RBI आगे भी रेपो रेट घटा सकता है, जिससे होम लोन और पर्सनल लोन सस्ते हो सकते हैं।
- पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहने की संभावना – महंगाई नियंत्रित होने से ईंधन की कीमतों में तेजी नहीं आएगी।
- निवेशकों को राहत – कम महंगाई दर का सीधा असर शेयर बाजार और निवेश पर भी पड़ता है, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रह सकती है।
महंगाई पर काबू, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत
जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई 4.31% तक गिर गई है, जिससे आम जनता को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन यह स्थायी हल नहीं है। RBI और सरकार की नीतियों का असर दिखने लगा है, लेकिन अभी भी महंगाई को 4% के लक्ष्य तक लाने में समय लग सकता है।
आने वाले महीनों में अगर खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहीं और RBI की नीतियां प्रभावी रहीं, तो महंगाई में और कमी आ सकती है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और आर्थिक हालात भी महंगाई को प्रभावित कर सकते हैं।