Land for Job Scam: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने रेलवे में कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव, उनके बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव समेत 78 आरोपियों को कोर्ट में तलब किया है।
कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर की गई चार्जशीट्स पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने कर रहे हैं।
CBI चार्जशीट पर सुनवाई की तैयारी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने आदेश दिया है कि CBI की तीनों चार्जशीट्स पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी आरोपियों को चार्जशीट की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं। CBI की फाइनल चार्जशीट के मुताबिक, लालू यादव पर आरोप है कि UPA सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे में भर्ती के नियमों की अनदेखी कर उम्मीदवारों को नौकरी दी और इसके बदले में उनके परिवार और करीबियों के नाम पर कीमती जमीनें रजिस्टर्ड करवाई गईं।
इस केस में कुल 78 आरोपी शामिल हैं, जिनमें से 30 सरकारी कर्मचारी और 38 नौकरी के उम्मीदवार हैं।
चार्जशीट में कौन-कौन आरोपी?
- पहली चार्जशीट में तीन अतिरिक्त आरोपियों को शामिल किया गया है, जिनके लिए समन जारी किया गया।
- दूसरी चार्जशीट में लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता को तलब किया गया।
- तीसरी चार्जशीट में लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव को आरोपी बनाया गया।
7 जून 2023 को CBI ने इस मामले में अंतिम चार्जशीट दायर की थी। इससे पहले 29 मई 2023 को कोर्ट ने सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था। समय पर रिपोर्ट जमा न करने पर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी।
पिछली सुनवाई में मिली थी जमानत
4 अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को जमानत दी थी। यह जमानत पहले दायर की गई चार्जशीट के संदर्भ में थी।
क्या है अगला कदम?
कोर्ट द्वारा भेजे गए समन के अनुसार, सभी आरोपी 11 मार्च 2024 को अदालत में पेश होंगे। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला लालू परिवार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। वहीं, CBI की जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई कोर्ट के निर्देशानुसार तय होगी।