लद्दाख प्रशासन ने पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रशासन का कहना है कि उनके भाषण और गतिविधियां क्षेत्र की सुरक्षा व शांति व्यवस्था के लिए सीधा खतरा बन चुकी थीं। खासतौर पर उनके द्वारा नेपाल के विद्रोह और अरब क्रांति का हवाला देने से स्थानीय लोगों में गुस्सा और अशांति फैल रही थी।
प्रशासन का दावा है कि लेह जैसे शांतिप्रिय इलाके की व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम ज़रूरी था। यही कारण है कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद राजस्थान के जोधपुर कारागार भेजा गया है।
गिरफ्तारी से पहले का घटनाक्रम : लद्दाख में पिछले दिनों हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार करने की थी। इसी आंदोलन के बीच जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लगातार भूख हड़ताल पर थे।
पुलिस प्रमुख एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे एक विशेष टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया। अधिकारियों का कहना है कि सरकार बातचीत के लिए तैयार थी, लेकिन वांगचुक ने भूख हड़ताल जारी रखी, जिससे संदेह और गहराया।
भड़काऊ भाषणों पर गंभीर आरोप : लद्दाख प्रशासन का आरोप है कि 24 सितंबर को जिस तरह हिंसा भड़की, उसमें वांगचुक के भाषण और वीडियो का बड़ा हाथ था। उनके बयानों में नेपाल विद्रोह और अरब क्रांति का जिक्र किया गया था, जिसने भीड़ को भड़काया। इसके बाद संस्थानों, इमारतों और वाहनों को आग लगा दी गई और पुलिस पर हमला हुआ। इसी हिंसा में चार निर्दोष लोगों की जान चली गई।
प्रशासन का कहना है कि उपलब्ध खुफिया जानकारी और हालात को देखते हुए वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लेना मजबूरी बन गया।
मामले की पृष्ठभूमि : सोनम वांगचुक लद्दाख के एक चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें उनकी पर्यावरणीय परियोजनाओं और शिक्षा सुधार की पहलों के लिए जाना जाता है। वे लंबे समय से लद्दाख के राजनीतिक अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण की आवाज उठा रहे हैं। हाल के वर्षों में लद्दाख के लोग केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की गारंटी की मांग कर रहे हैं। इस बार जब आंदोलन हिंसक हो गया, तो प्रशासन ने इसे “विद्रोह को हवा देने की कोशिश” बताया और वांगचुक को सीधे जिम्मेदार ठहराया।
मुख्य बातें (Key Points)
- सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसा और भड़काऊ भाषणों के आरोप में गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया।
- प्रशासन ने कहा कि नेपाल विद्रोह और अरब क्रांति के हवाले से लोगों को भड़काया गया।
- हिंसक प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत और 90 घायल हुए, कई संस्थान और वाहन जला दिए गए।
- वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई।






