लुधियाना, 08 नवंबर (The News Air): पिछले 30 साल से जेल की मजबूत सलाखों के पीछे कैद बंदी सिंह बलवंत सिंह राजोआना की खून के रिश्ते की आखिरी कड़ी भी टूट गई है। उनके इकलौते भाई कुलवंत सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। तीन दशकों तक एक दूसरे को गले लगाने की दोनों भाइयों की चाहत हमेशा के लिए अधूरी रह गई।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी और जिंदा शहीद पिछले तीस साल से जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना को उस समय एक एक बड़ा झटका लगा जब उनके खून के रिश्ते के आखिरी जीवित सदस्य बड़े भाई सरदार कुलवंत सिंह की असामयिक मृत्यु हो गयी। कुलवंत सिंह का जन्म 27 जुलाई 1965 को हुआ था। वह बलवंत सिंह के बड़े भाई थे। अपने भाई की रिहाई और उन्हें अपने दिल से गले लगाने को तड़पते हुए वह हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गए।
गौरतलब है कि कुलवंत सिंह कुछ समय पहले अपने बेटे से मिलने के लिए कनाडा के विनिपेग पहुंचे थे, इसी बीच 4 नवंबर को रात 08:45 बजे कनाडा में उनके घर पर अचानक दिल का दौरा पड़ने निधन हो गया। फिलहाल उनका शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के कब्जे में है। परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार भी विनिपेग में ही होगा।
पिछले तीस साल के दौरान राजोआना के परिवार के सभी सदस्य एक-एक करके इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। अपने रिश्तेदारों से मिलने को बेताब राजोआना के परिवार में अब उनके दो भतीजे (बड़े भाई कुलवंत सिंह के दोनों बेटे) रवनीत सिंह और अमनप्रीत सिंह हैं। दुख की इस घड़ी में जिसने अपने माता-पिता व भाई-बहनों को खो दिया है और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है, ऐसे बलवंत सिंह के लिए यह सदमा बेहद असहनीय और पीड़ादायक है।