• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 शनिवार, 6 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home NEWS-TICKER

लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी की बल्ले बल्ले, फिर भी क्यों नहीं मिल रही वाह वाही? जानिए

The News Air by The News Air
शनिवार, 8 जून 2024
A A
0
लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी की बल्ले बल्ले, फिर भी क्यों नहीं मिल रही वाह वाही? जानिए
104
SHARES
690
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली , 08 जून (The News Air) उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने दो उम्मीदवार खड़े किए थे और दोनों जीते. बागपत से राज कुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान. दोनों की जीत का मार्जिन भी अच्छा था. सांगवान ने अपने प्रतिद्वंदी सपा के अमर पाल शर्मा को 159459 वोटों से हराया तो चंदन चौहान ने सपा के दीपक सैनी को 37508 मतों से पीछे ढकेला. खास बात यह रही कि इस गठजोड़ का फायदा आरएलडी को शत-प्रतिशत मिला. अलबत्ता मेरठ मंडल की सीटों पर यह असर दिखा.

परंतु सहारनपुर मंडल की तीनों सीटें भाजपा हार गई. सहारनपुर से कांग्रेस के इमरान मसूद, कैराना से सपा की इकरा हसन और मुजफ्फर नगर से सपा के ही हरेंदर मलिक को जीत मिली. सहारनपुर और कैराना गूजर बहुल हैं तो मुजफ्फर नगर में जाट आबादी पर्याप्त है. यही जाट और गूजर समुदाय आरएलडी का बेस है.

जयंत को मंच पर जगह नहीं मिली

शायद यही कारण रहा कि शुक्रवार 7 जून को एनडीए संसदीय दल के नेताओं की बैठक में जयंत चौधरी को मंच पर नहीं बुलाया गया, जबकि एक-एक सीट जीतने वाले नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगल-बगल मौजूद थे. जीतन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल आदि नेता वहां थे. इसको आधार बनाकर समाजवादी पार्टी ने तंज कसा है कि भाजपा को चौधरी चरण सिंह की विचारधारा से नफरत रही है, यही एनडीए की बैठक में दिखा. समाजवादी पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर आरएलडी वाकई किसान हितैषी है तो उसे एनडीए से नाता तोड़ लेना चाहिए. आरएलडी प्रमुख ने इस विवाद पर सिर्फ इतना ही कहा है कि वे एनडीए में ही रहेंगे. दूसरी तरफ भाजपा ने कहा है कि मंच पर 13 लोगों के ही बैठने की जगह थी. इसलिए कम लोगों को मंच पर बिठाया गया.

यह भी पढे़ं 👇

6 December 2025 Horoscope

6 December 2025 Horoscope: इन 4 राशियों के लिए 100% शानदार दिन, जानें आज का Rashifal

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis

IndiGo Crisis जानबूझकर किया गया? ₹1 लाख करोड़ का सबसे बड़ा खेल, Shocking Reality!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
CM Mann

CM मान का जापान रोड शो!ओसाका में जापानी कंपनियों ने दिखाई BIG INTEREST, निवेश का रास्ता खुला!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
बागपत बचाने के लिए जयंत कुछ भी करते

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व जीत हासिल की है इसलिए भाजपा को घेरने का वे कोई भी मौका नहीं चूकेंगे. किंतु जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी पहले इंडिया ब्लॉक में थी, पर अपने दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने से प्रसन्न जयंत एनडीए में आ गए. इसका लाभ उन्हें मिला. उत्तर प्रदेश में उनके एक विधायक को कैबिनेट में जगह मिली और विधान परिषद में एक सीट. जयंत चौधरी समझ रहे थे कि भाजपा से समझौता किए बगैर वे अपनी पारिवारिक सीट बागपत को वापस नहीं ला पाएंगे. 2014 के चुनाव में कांग्रेस से समझौते के बावजूद जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह यह सीट हार गए थे. जबकि इसके पूर्व वे 9 बार इस सीट से जीते थे. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के सत्यपाल सिंह से हार गए.

2014-2019 के अलावा RLD बागपत से कभी नहीं हारा

चौधरी अजित सिंह के राजनीति में आने से पहले उनके पिता चौधरी चरण सिंह हर लहर में यह सीट जीतते रहे थे. जब चौधरी साहब प्रधानमंत्री बने तब बागपत से ही सांसद थे. और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी सिर्फ दो सीटें कांग्रेस हारी थी. बागपत में तब लोक दल से चौधरी चरण सिंह जीते थे और एटा से इसी पार्टी के मोहम्मद महफूज अली उर्फ प्यारे मियां. इसलिए भी बागपत सीट से 2014 और 2019 में आरएलडी का हारना जयंत चौधरी के लिए बहुत बड़ा झटका था. उन्होंने 2019 में सपा और बसपा के साथ भी समझौता कर देख लिया किंतु बागपत नहीं बचा सके. बिजनौर भी 2009 में आरएलडी के पास थी. तब संजय चौहान यहां से सांसद थे. इस बार जीते चंदन चौहान उन्हीं के पुत्र है. 2019 में समझौते के तहत यह बीएसपी के मलूक नगर को मिली. वे यहां से जीत भी गए.

जाट-गुर्जर और मुस्लिम के इम्पैक्ट

चंदन गुर्जर समाज से हैं. इनके दादा चौधरी नारायण सिंह उत्तर प्रदेश की बाबू बनारसीदास सरकार में उप मुख्यमंत्री थे और चौधरी चरण सिंह के बहुत करीबी थे. इन दोनों की जोड़ी के चलते ही उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में लोक दल का दबदबा रहा. इसलिए अपनी पुश्तैनी सीटों को बचाने वास्ते जयंत चौधरी के लिए यह बहुत जरूरी था कि वे किसी मजबूत आधार वाली पार्टी का हाथ थामे. दरअसल 2013 के शामली दंगों के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी का मुस्लिम वोट बैंक खिसक गया था. उस समय सपा ही अपना मुस्लिम आधार बचाये रही. 2022 के विधानसभा चुनावों में जयंत चौधरी ने सपा के साथ तालमेल किया था. तब दो लड़कों (अखिलेश और जयंत) की जोड़ी ने पश्चिम में कमाल दिखाया था. आरएलडी के खाते में 33 सीटें गई थीं. पर लोकसभा चुनाव पर जयंत सांसत में थे. ऊपर से भाजपा का चौधरी चरण सिंह पर चला दांव काम आ गया. जयंत एनडीए में आ गए.

RLD को तो BJP का वोट मिला पर भाजपा को मात मिली

इसका लाभ भी आरएलडी को मिला और उसको वे दोनों सीटें मिल गईं. किंतु भाजपा को जाट और गुर्जर समाज के वोट नहीं मिल पाए. इसलिए भाजपा नेताओं को यह मलाल है. जाट और मुसलमानों के बीच 2013 के बाद भले तीन और छह का आंकड़ा बना हो किंतु 2019 के बाद से ये समीकरण बिगड़ने लगे. खासकर भाजपा की किसान और कृषि उपजों वाली नीतियों से. नतीजा यह रहा कि आरएलडी तो अपनी सीटें जीत गई लेकिन भाजपा को जाट वोट एकमुश्त नहीं मिले. गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और मेरठ में शहरी इलाके होने के कारण उसे जीत मिली, परंतु जहां-जहां जाट और गुर्जर निर्णायक थे, वहां-वहां वह हारी. आगरा में मथुरा सीट पर जाट वोट भाजपा को मिले. एक तो वहां से प्रत्याशी हेमा मालिनी थीं. दूसरे उन्होंने खुद को जाटनी बताया. वे फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र की पत्नी हैं. आगरा, अलीगढ़, हाथरस और फतेहपुर सीकरी सीटों पर जाट वोट हैं. यहां जाट वोट भाजपा को भी मिला.

दलितों ने BSP को खारिज किया

जो भी वोट भाजपा को मिला, वह आरएलडी की पकड़ से बाहर था. भाजपा को अमरोहा सीट मिली किंतु मुरादाबाद सीट हारी है. इसलिए भाजपा खेमे में यह खुन्नस है कि उसे आरएलडी का कोई लाभ नहीं मिला. जबकि आरएलडी से समझौता कर उसने गैर जाट ओबीसी समुदाय को नाराज कर लिया. दलित वोट न तो भाजपा को मिला न ही बीएसपी को. नगीना से भाजपा, सपा और बीएसपी को हरा कर निर्दलीय चंद्रशेखर जीते. बीएसपी तो कुल 13272 पर सिमट गई. जबकि यह सुरक्षित सीट है. यह दलितों द्वारा बीएसपी को खारिज कर दिए जाने का संकेत है. यही कारण है कि एडीए संसदीय दल की बैठक में जयंत को वैसी तवज्जो नहीं मिली. कुल मिला कर एनडीए में आने का लाभ आरएलडी को पूरा मिला. परंतु भाजपा घाटे में रही. एनडीए में शामिल किसी भी अन्य दल को इतना लाभ नहीं मिला, जितना कि आरएलडी को. यद्यपि बड़ी सफाई से भाजपा ने जयंत परिवार को कोई सीट नहीं मिलने दी.

जयंत फिलहाल चुप हैं

इसीलिए जयंत चौधरी शुक्रवार की घटना को अपने मान-अपमान से नहीं जोड़ रहे. उन्हें उम्मीद है कि मंत्रिमंडल में उन्हें जगह अवश्य मिलेगी. शायद इसीलिए वे अपना गुस्सा दबाये हुए हैं. लेकिन भविष्य में वे इसे प्रकट अवश्य करेंगे. उत्तर प्रदेश में भाजपा को जो करारी हार मिली है, उस पर उसे चिंतन करना पड़ेगा. क्या उसका जातीय समीकरण फिट नहीं बैठा! अथवा संविधान बदलने जैसा बयान देने वाले अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह का बयान उस पर भारी पड़ा. लोकसभा चुनाव के पूर्व उत्तर प्रदेश पर शायद प्रधानमंत्री अधिक ध्यान नहीं दे पाए. उनका सारा फोकस दक्षिण और पूर्वी भारत में रहा. उधर उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय क्षत्रप लोकसभा चुनाव के प्रति उदासीन रहे. जयंत चौधरी के साथ समझौता भी इसी हड़बड़ी में किया गया रहा होगा!

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

6 December 2025 Horoscope

6 December 2025 Horoscope: इन 4 राशियों के लिए 100% शानदार दिन, जानें आज का Rashifal

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis

IndiGo Crisis जानबूझकर किया गया? ₹1 लाख करोड़ का सबसे बड़ा खेल, Shocking Reality!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
CM Mann

CM मान का जापान रोड शो!ओसाका में जापानी कंपनियों ने दिखाई BIG INTEREST, निवेश का रास्ता खुला!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • वेब स्टोरीज

© 2025 THE NEWS AIR