Bihar Cabinet Expansion के तहत बिहार सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों का बंटवारा कर दिया है। इस फेरबदल में कई बड़े मंत्रियों के विभाग बदले गए हैं। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (Vijay Sinha) से पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) लेकर नितिन नवीन (Nitin Navin) को सौंपा गया, जबकि नितिन नवीन से नगर विकास विभाग (Urban Development Department) लेकर जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) को दे दिया गया है।
विजय सिन्हा को अब कृषि विभाग (Agriculture Department) मिला है, जो पहले मंगल पांडे (Mangal Pandey) के पास था। वहीं मंगल पांडे को अब विधि विभाग (Law Department) की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे पहले नितिन नवीन संभाल रहे थे। इसके अलावा संजय सरावगी (Sanjay Saraogi) को राजस्व विभाग (Revenue Department) सौंपा गया, जो पहले दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) के पास था। जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर अब बिहार बीजेपी अध्यक्ष (Bihar BJP President) का पद संभाल लिया है।
किसे मिला कौन सा विभाग?
- राजू कुमार सिंह (Raju Kumar Singh) – पर्यटन विभाग (Tourism Department)
- विजय सिन्हा (Vijay Sinha) – कृषि, खनन एवं भूतत्व विभाग (Agriculture, Mining & Geology Department)
- विजय मंडल (Vijay Mandal) – आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department)
- प्रेम कुमार (Prem Kumar) – सहकारिता विभाग (Cooperative Department)
- नितिन नवीन (Nitin Navin) – पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department)
- संजय सरावगी (Sanjay Saraogi) – राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue & Land Reforms Department)
- मोती लाल प्रसाद (Moti Lal Prasad) – कला, संस्कृति एवं युवा विभाग (Art, Culture & Youth Department)
- जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) – नगर विकास विभाग (Urban Development Department)
- मंगल पांडे (Mangal Pandey) – विधि विभाग (Law Department)
कैबिनेट विस्तार से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश
बिहार सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) को ध्यान में रखते हुए इस कैबिनेट विस्तार में हर क्षेत्र और जातीय समूह को संतुलित करने की रणनीति अपनाई है। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 7 नए मंत्री अलग-अलग जाति और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे सरकार ने सभी वर्गों को संतुष्ट करने की कोशिश की है।
उत्तर बिहार का दबदबा, BJP की मजबूत पकड़
इस विस्तार में उत्तर बिहार (North Bihar) के मंत्रियों की संख्या अधिक है। सात में से चार मंत्री मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur), दरभंगा (Darbhanga) और सीतामढ़ी (Sitamarhi) से आते हैं। इसके अलावा, एक मंत्री छपरा (Chhapra), एक अररिया (Araria) और एक बिहारशरीफ (Bihar Sharif) से है।
उत्तर बिहार बीजेपी का गढ़ माना जाता है, और इस क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
अब क्यों किया गया मंत्रिमंडल विस्तार?
बिहार में सितंबर-अक्टूबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं, 28 फरवरी से राज्य में बजट सत्र (Budget Session 2025) शुरू होने जा रहा है, जो करीब डेढ़ महीने तक चलेगा। इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार संभव नहीं होगा। ऐसे में यह चुनाव से पहले का अंतिम कैबिनेट विस्तार माना जा रहा है।
इससे पहले 6 मंत्रियों के पद खाली थे, और दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) के इस्तीफे के बाद यह संख्या बढ़कर 7 हो गई थी। बीजेपी कोटे से इन सभी खाली पदों को भरकर पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की है।
बिहार कैबिनेट विस्तार और विभागों के पुनर्गठन से साफ है कि सरकार आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक कदम उठा रही है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के साथ-साथ बीजेपी (BJP) ने अपने मजबूत गढ़ उत्तर बिहार पर फोकस बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि यह फेरबदल राजनीतिक समीकरणों पर कितना असर डालता है।